नरेंद्र मोदी ने दिया था कैबिनेट मंत्री का ऑफर, सुप्रिया सुले ने कहा- ये प्रधानमंत्री जी का बड़प्पन है
By रामदीप मिश्रा | Published: December 3, 2019 08:32 PM2019-12-03T20:32:13+5:302019-12-03T20:32:13+5:30
सुप्रिया सुले ने कैबिनेट मंत्री बनाने के दावे को लेकर कहा, 'ये प्रधानमंत्री जी का बड़प्पन है कि उन्होंने ऐसा सुझाव दिया। मैं उनकी आभारी हूं उन्होंने कहा, लेकिन वो हो नहीं पाया।'
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव दिया था। साथ ही साथ बेटी सुप्रिया सुले को कैबिनेट में मंत्री बनाने का वादा किया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। यह दावा खुद पवार ने किया, जिसके बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री का बड़प्पन है कि उन्होंने ऐसा सुझाव दिया।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रिया सुले ने कैबिनेट मंत्री बनाने के दावे को लेकर कहा, 'ये प्रधानमंत्री जी का बड़प्पन है कि उन्होंने ऐसा सुझाव दिया। मैं उनकी आभारी हूं उन्होंने कहा, लेकिन वो हो नहीं पाया।'
अजीत पवार पर नेता सुप्रिया सुले ने कहा, 'वह बीजेपी में शामिल नहीं हुए थे। यह हमारी पार्टी और परिवार का आंतरिक मामला है। वह हमेशा मेरे बड़े भाई और पार्टी के वरिष्ठ नेता बने रहेंगे।'
Nationalist Congress Party leader Supriya Sule on Ajit Pawar: He had not joined BJP. This is internal matter of our party and family. He will always remain my elder brother and senior leader of the party. https://t.co/VXX3MzV7IXpic.twitter.com/jdamrW8L8x
— ANI (@ANI) December 3, 2019
आपको बता दें कि शरद पवार ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 'साथ मिलकर' काम करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया। पवार ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा था कि मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में सुप्रिया (सुले) को मंत्री बनाने का एक प्रस्ताव जरूर मिला था। सुप्रिया सुले पवार की बेटी हैं और पुणे जिला में बारामती से लोकसभा सदस्य हैं।
पवार ने कहा था कि उन्होंने मोदी को साफ कर दिया कि उनके लिए प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है। पवार ने सोमवार को एक मराठी टीवी चैनल को साक्षात्कार में यह बातें कही थी। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहे घटनाक्रम के बीच पवार ने पिछले महीने दिल्ली में मोदी से मुलाकात की थी। मोदी कई मौके पर पवार की तारीफ कर चुके हैं।
पिछले दिनों मोदी ने कहा था कि संसदीय नियमों का पालन कैसे किया जाता है इस बारे में सभी दलों को एनसीपी से सीखना चाहिए। पवार ने कहा कि 28 नवंबर को जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उस समय अजित पवार को शपथ नहीं दिलाने का फैसला 'सोच समझकर' लिया गया।