प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे के अस्पताल में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी से की मुलाकात
By भाषा | Published: December 8, 2019 08:37 PM2019-12-08T20:37:49+5:302019-12-08T20:38:12+5:30
केंद्र में 1999 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में शौरी मंत्री थे हालांकि वह मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के मुखर आलोचना करते रहे, जिसके बाद सत्तारूढ़ दल से उनके रास्ते अलग हो गए। शौरी रेमन मैगसायसाय पुरस्कार पा चुके हैं और वह 1967 से 1978 के बीच विश्व बैंक में भी अर्थशास्त्री के तौर पर काम कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम यहां एक अस्पताल में भर्ती पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी से मुलाकात की और उनके साथ करीब 15 मिनट तक वक्त बिताया। शहर के बंड गार्डन इलाके में स्थित रूबी हॉल क्लीनिक के वरिष्ठ चिकित्सकों को मुताबिक प्रधानमंत्री शाम करीब छह बजे यहां पहुंचे।
मोदी ने ट्वीट किया, “पुणे में, मैंने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी जी से मुलाकात की। उनकी सेहत के बारे में जानकारी ली और उनके साथ शानदार बातचीत हुई। हम उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।” मुख्य हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज ग्रांट, न्यूरोसर्जन डॉ. सचिन गांधी मोदी को शौरी के कमरे तक लेकर गए।
डॉक्टरों ने कहा, “प्रधानमंत्री ने शौरी के साथ 15 मिनट बिताए। उन्होंने बातचीत के दौरान शौरी को गले लगा लिया।” उन्होंने बताया कि मोदी ने शौरी के कमरे के बाहर उनके परिजनों से भी बात की। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक यह पूर्व नियोजित दौरा नहीं था। हवाईअड्डे के लिये रवाना होने से पहले मोदी ने करीब 45 मिनट तक अस्पताल में वक्त बिताए। पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस महानिदेशकों के तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में शामिल होने प्रधानमंत्री पुणे में थे।
#WATCH Maharashtra: Prime Minister Narendra Modi met former Union Minister and senior journalist Arun Shourie at Ruby Hall Clinic in Pune, today. pic.twitter.com/NcdkwpHJDp
— ANI (@ANI) December 8, 2019
शौरी यहां से करीब 60 किलोमीटर दूर लवासा में अपने बंगले के निकट टहलने के दौरान एक दिसंबर को गिर गए थे, जिसके बाद उनका इस अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने कहा था कि 78 वर्षीय पूर्व भाजपा नेता को दिमाग में चोट आई है और सूजन है। उन्होंने कहा कि शौरी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।
केंद्र में 1999 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में शौरी मंत्री थे हालांकि वह मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के मुखर आलोचना करते रहे, जिसके बाद सत्तारूढ़ दल से उनके रास्ते अलग हो गए। शौरी रेमन मैगसायसाय पुरस्कार पा चुके हैं और वह 1967 से 1978 के बीच विश्व बैंक में भी अर्थशास्त्री के तौर पर काम कर चुके हैं।