नरेन्द्र मोदी ने अमेठी और रायबरेली के लिए बनाया है खास प्लान, राहुल गांधी और सोनिया गांधी को ऐसे घेरेगी बीजेपी
By विकास कुमार | Published: January 2, 2019 03:54 PM2019-01-02T15:54:31+5:302019-01-02T15:54:31+5:30
स्मृति ईरानी ने दीपावली के मौके पर अमेठी में 10 हजार साड़ियां बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए भेजी थी. इसके अलावा भी कई मौकों पर वो अमेठी का दौरा कर चुकी हैं. क्षेत्र का सांसद नहीं होते हुए भी उन्होंने कई विकास कार्यों का शिलान्यास किया है.
लोकसभा चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी का गांधी परिवार के गढ़ में आना-जाना बढ़ गया है. हाल ही में पीएम मोदी ने रायबरेली में अपनी रैली के दौरान गांधी परिवार पर निशाना साधा था. उन्होंने कई विकास कार्यों के उदघाटन समारोह के दौरान परिवारवाद का बार-बार जिक्र किया था. ऐसा नहीं है कि ये अनायास ही हो रहा है, जबकि इसकी स्क्रिप्ट बहुत पहले ही 2014 में लिखी जा चुकी थी, जब स्मृति ईरानी ने लोकसभा चुनाव अमेठी से लड़ा.
हाल के दिनों में जिस तरह से राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी को लेकर हमलावर हुए हैं उससे कहीं न कहीं बीजेपी नेतृत्व भी असहज हुई है. 'चौकीदार चोर है' के नारे के साथ राहुल गांधी पीएम मोदी को भ्रष्टाचारी बताने का एक भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं. अब बीजेपी ने भी फैसला कर लिया है कि वो सीधे गांधी परिवार को ही निशाना साधेंगे. इसलिए हाल के दिनों में बीजेपी के नेताओं के अमेठी और रायबरेली के दौरे बढ़ चुके हैं.
स्मृति ईरानी ने दीपावली के मौके पर अमेठी में 10 हजार साड़ियां बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए भेजी थी. इसके अलावा भी कई मौकों पर वो अमेठी का दौरा कर चुकी हैं. क्षेत्र का सांसद नहीं होते हुए भी उन्होंने कई विकास कार्यों का शिलान्यास किया है. कांग्रेस के नेता भी बीजेपी के अमेठी और रायबरेली में बढ़ती दिलचस्पी पर नजर बनाये हुए हैं.
दरअसल अमेठी और रायबरेली सीट के लिए कहा जाता है कि वीवीआईपी सीट होने के बावजूद अमेठी और रायबरेली में उस स्तर का भी विकास नहीं हुआ है जो उसके आसपास के क्षेत्रों में है. भाजपा और मोदी का भी यही प्लान है कि इन क्षेत्रों में हुए विकास कार्यों का पर्दाफाश किया जाये. देश की जनता को ये बताया जाये कि कांग्रेस अपनी कोर सीट पर ही विकास के मामलों में फिसड्डी साबित हुई है.
इस बार के चुनाव में हो सकता है कि भाजपा इन दोनों सीटों पर अपने मजबूत उम्मीदवारों को उतारे. अमेठी से स्मृति ईरानी फिर से चुनाव लड़ सकती हैं तो वहीं रायबरेली के लिए मजबूत उम्मीदवार के नाम पर चर्चा जारी है.
कुछ आंकड़ों के जरिये समझते हैं इन सीटों की तथाकथित विकास गाथा.
साक्षरता दर
रायबरेली : 68%
अमेठी : 64%
झाँसी : 75%
इटावा : 78%
बीपीएल परिवार
रायबरेली : 3,29,000
अमेठी : 4,07,000
झाँसी : 72,000
इटावा : 1,12,000
सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज
रायबरेली : 1
अमेठी : 0
झाँसी : 3
इटावा : 1
सरकारी मेडिकल कॉलेज
रायबरेली : 0
अमेठी : 0
झाँसी : 1
इटावा : 1
(सोर्स- इंडिया टुडे)
इन आंकड़ों को देखने के बाद लगता है कि अमेठी और रायबरेली विकास के निचले पायदान में खड़ा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और मोदी राहुल और सोनिया को घेरने के लिए कौन सी रणनीति को आगे बढ़ाते हैं.