चीनी कंपनियों के FDI प्रस्ताव को एक बार फिर से मिलेगी मोदी सरकार की मंजूरी, निवेश बढ़ाने के लिए लिया गया फैसला

By अनुराग आनंद | Published: February 22, 2021 12:21 PM2021-02-22T12:21:27+5:302021-02-22T14:40:58+5:30

पिछले साल अप्रैल में बॉर्डर पर बढ़े तनाव के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा था कि भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों के विदेशी निवेश को अब संबंधित सरकारी विभाग के अलावा केंद्र सरकार की मंजूरी की भी आवश्यकता होगी। 

narendra modi Govt starts approving China FDI proposals on a case-by-case basis | चीनी कंपनियों के FDI प्रस्ताव को एक बार फिर से मिलेगी मोदी सरकार की मंजूरी, निवेश बढ़ाने के लिए लिया गया फैसला

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsइस प्रक्रिया को आसान बनाने के प्रयास में केंद्र ने एक समन्वय समिति का गठन किया है।इस समिति में गृह, विदेश, वाणिज्य विभाग के अलावा उद्योग मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारी शामिल हैं।अप्रैल 2020 से अब तक चीन की ओर से करीब 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के प्रस्ताव मिले हैं।

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कथित रूप से चीन से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्तावों को मंजूरी देने की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू करने का फैसला किया है। सीमा पर दोनों देशों की सेना के बीच तनाव के कम होने पर सरकार ने यह अहम फैसला लिया है।

टाइम्स नाऊ के रिपोर्ट मुताबिक, पिछले साल अप्रैल में दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति को देखते हुए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने यह निर्देश जारी कर सरकारी विभागों से कहा था कि चीन समेत देश के सीमा से लगे सभी देशों के निवेश संबंधी किसी भी मामले में फैसले लेने से पहले सरकार को जानकारी देना अनिवार्य है। 

चीनी निवेश के प्रस्ताव पर 'केस-बाय-केस' विचार करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार फैसला लेगी-

सरकार के इस निर्देश के बाद से ही चीनी निवेश के प्रस्तावों पर विचार नहीं किया जा रहा था। सरकार के विदेश मंत्री ने भी कई बार बयान दिया था कि सीमा की हालात को सही किए बिना बाकी आर्थिक या दूसरे क्षेत्र में संबंधों को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है।  

अब सरकार ने कहा है कि हर चीनी निवेश के प्रस्ताव के बारे में 'केस-बाय-केस' विचार करने के बाद फैसला लेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ हफ्तों में योजनाओं को मंजूरी दी गई थी, हालांकि यह अभी तक "छोटे मामलों" तक ही सीमित है। सूत्रों ने आगे स्पष्ट किया कि गहन जांच के बाद ही सरकार चीन के बड़े निवेश प्रस्तावों पर निर्णय लेगी।

भारत सरकार ने इस प्रक्रिया के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया है

इस प्रक्रिया को आसान बनाने के प्रयास में केंद्र ने एक समन्वय समिति का गठन किया है। इस समिति में गृह, विदेशी और वाणिज्य विभाग के अलावा उद्योग मंत्रालय और  NITI Aayog के बड़े अधिकारी शामिल हैं।

सरकार ने साफ किया है कि यह समिति हर मामलों को देखने के बजाय बड़े निवेश के मामलों में विचार करेगी। विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की तरह यह समिति विदेशी निवेश के हर मामलों पर विचार नहीं करेगी बल्कि कुछ मामलों के फाइल ही यहां जाएंगे।

चीन की ओर से करीब 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव मिले हैं-

अक्टूबर में भारत सरकार ने सभी चीनी विदेशी निवेश प्रस्तावों पर विचार करने व लागू करने के लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी को गैर-विवादास्पद निवेश के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद फैसला करने के लिए कहा गया था।

न्यूज 18 के मुताबिक, केंद्र सरकार को अप्रैल 2020 से अब तक चीन की ओर से करीब 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के प्रस्ताव मिले हैं। अब दोनों देशों की सीमाओं पर तनावपूर्ण हालात में कुछ सुधार होता दिख रहा है। ऐसे में सरकार इन प्रस्तावों पर फैसला लेकर देश में निवेश को बढ़ावा देना चाह रही है।

Web Title: narendra modi Govt starts approving China FDI proposals on a case-by-case basis

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