पूर्वोत्तर में उग्रवादी हिंसा की घटना में 2014 के मुकाबले 74 फीसदी की कमी आई: मोदी सरकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 4, 2022 11:23 AM2022-08-04T11:23:38+5:302022-08-04T11:25:57+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से संसद में यह जानकारी दी गई है कि देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2014 के मुकाबले उग्रवादी हिंसा में बड़ी कमी आई है। सरकार के अनुसार हिंसा आदि की घटनाओं में आम नागरिकों की मौत में 89 प्रतिशत की गिरावट आई है।
नई दिल्ली: साल 2014 की तुलना में पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 2021 में उग्रवाद से जुड़ी हिंसा की घटनाओं में 74 प्रतिशत की कमी आई है। साथ ही आम नागरिकों की मौत में 89 प्रतिशत की गिरावट आई है। ये जानकारी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से राज्य सभा में दी गई।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्य सभा में कहा कि 2014 से 15 जुलाई 2022 तक पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न विद्रोही समूहों के कुल 6,070 कार्यकर्ताओं ने 1,404 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए।
एक लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, '2014 के बाद से पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। 2014 की तुलना में 2021 में उग्रवाद की घटनाओं में 74 प्रतिशत, नागरिक मौतों में 89 प्रतिशत और सुरक्षा बलों के हताहत होने में 60 प्रतिशत की कमी आई है।'