नरेंद्र मोदी सरकार 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' लॉन्च करने की तैयारी में, इन राज्यों में है अभी लागू
By रामदीप मिश्रा | Published: June 28, 2019 09:11 AM2019-06-28T09:11:29+5:302019-06-28T09:11:29+5:30
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को दिल्ली में राज्यों के खाद्य सचिवों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगम (एसडब्ल्यूसी) के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' से संबंधित निर्णय लिया गया है।
देश की नरेंद्र मोदी सरकार 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' को लॉन्च करने पर काम कर रही है। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार इसे जल्द लागू कर सकती है। दरअसल, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को दिल्ली में राज्यों के खाद्य सचिवों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और राज्य भंडारण निगम (एसडब्ल्यूसी) के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' से संबंधित निर्णय लिया गया है।
कहा गया है कि इस सुविधा से लाभार्थी देश के किसी कोने के सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान से अनाज प्राप्त कर सकता है। यह योजना आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में लागू है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
बैठक में केंद्रीय मंत्री पासवान ने खाद्य सुरक्षा कानून को कुशलता के साथ लागू करने, कम्प्यूटरीकरण, पारदर्शिता एवं एफसीआई, सीडब्ल्यूसी तथा एसडब्ल्यूसी के सभी डिपो को डिपो ऑनलाइन प्रणाली (डीओएस) के साथ जोड़ने पर भी विचार-विमर्श किया।
इस दौरान पासवान ने कहा कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा किया गया कार्य बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लाभान्वितों के लिए जीवन-रेखा है। 612 लाख टन अनाज हर वर्ष 81 करोड़ लोगों में वितरित किया जाता है। अनाजों की खरीद से लेकर इसके वितरण तक में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग पूरी प्रक्रिया की कार्यकुशलता को बढ़ाएगा। इससे भ्रष्टाचार को कम करने में मदद मिलेगी।
उन्होने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के सभी भंडारों और केंद्रीय भंडारण निगम के 144 भंडारों में डिपो ऑनलाइन प्रणाली (डीओएस) लागू किया जा चुका है। एफसीआई की खाद्यान्न खरीद प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि एफसीआई और राज्यों के बीच सूचनाएं ऑनलाइन साझा की जानी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि अनाज की कितनी मात्रा बाजार से खरीदनी है, किस भंडार में और कितने समय तक अनाज को रखना है और इसे कब वितरित किया जाना है। अन्न वितरण पोर्टल पर ये जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए।