सार्वजनिक क्षेत्र की 28 कंपनियों को बेचने की तैयारी में मोदी सरकार, नहीं मिल रहे ग्राहक
By शैलेश कुमार भक्त | Published: March 15, 2020 11:45 AM2020-03-15T11:45:23+5:302020-03-15T11:45:23+5:30
पिछले दिनों उसने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की पूर्व निर्धारित तारीख 17 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी है. सरकार ने जिन 28 कंपनियों को बेचने के लिए चुना है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की 28 कंपनियों को बेचने की तैयारी में जुटी है. इनमें ऐसी भी कंपनियां हैं जो लगातार मुनाफा कमा रही है. हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद उसे कई इकाइयों के लिए कोई ग्राहक नहीं मिल रहा है. इस वजह से सरकार तारीख पर तारीख बढ़ा रही है.
पिछले दिनों उसने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की पूर्व निर्धारित तारीख 17 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी है. सरकार ने जिन 28 कंपनियों को बेचने के लिए चुना है, उनमें स्कूटर इंडिया लिमिटेड, ब्रिज एंड रुफ इंडिया लिमिटेड, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट, भारत पंप एंड कम्प्रेसर लिमिटेड, सीमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, सेंट्रल इलेक्ट्रोनिक लिमिटेड, बीईएमएल, फेरो स्क्रैप निगम, पवन हंस लिमिटेड, एयर इंडिया और उसकी पांच सहायक कंपनियां, एचएलएल लाइफ केयर, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड, शिपिंग कॉपार्ेरेशन, बंगाल कैमिकल्स, भारत पेट्रोलियम, ईपीआईएल, एचपीएल, कंटेनर कॉपार्ेरेशन लिमिटेड, आईटीडीसी, आईएमपीसीएल आदि शामिल हैं.
एक ओर जहां सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को सरकारी स्वामित्व से मुक्त किया जा रहा है, वहीं मुनाफा कमाने वाली कंपनियों पर निजी क्षेत्र की कंपनियों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए निवेश का दबाव डाला जा रहा है.
इसका ताजा उदाहरण संकटग्रस्त यस बंैक है, जहां एसबीआई ही कई निजी कंपनियों से भी निवेश कराया जा रहा है. हालांकि, जिन लोगों ने यस बैंक का भारी कर्ज नहीं चुकाया है, उनसे वसूली के लिए सरकार ने किसी योजना का खुलासा नहीं किया है.