कम पानी वाली फसलें उगाकर किसानों की आय बढ़ाने की योजना बना रही मोदी सरकार, खाका तैयार

By एसके गुप्ता | Published: June 23, 2019 08:10 AM2019-06-23T08:10:45+5:302019-06-23T08:10:45+5:30

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गन्ने की फसल उगाने वाले किसानों को चीनी मिलो से अक्सर यही शिकायत रहती है कि उनकी फसल का भुगतान देरी से होता है.

narendra Modi government plans to increase the income of farmers by raising low irrigation crops | कम पानी वाली फसलें उगाकर किसानों की आय बढ़ाने की योजना बना रही मोदी सरकार, खाका तैयार

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Highlightsकृषि मंत्रालय भौगोलिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए किसानों को ऐसी फसलों से दूरी बनाने के लिए खाका तैयार कर रहा है, जिसमें उन्हें ज्यादा पानी न लगाना पड़े. योजना के तहत किसानों को गन्ना और धान की फसलों के स्थान पर दलहन, तिलहन, सब्जियां, मक्का और परंपरागत फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. हाल ही में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने अपने विभागीय अधिकारियों के अलावा कृषि और जल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी.

देश में सूखे और पानी की किल्लत को देखते हुए कृषि मंत्रालय भौगोलिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए किसानों को ऐसी फसलों से दूरी बनाने के लिए खाका तैयार कर रहा है, जिसमें उन्हें ज्यादा पानी न लगाना पड़े. योजना के तहत किसानों को गन्ना और धान की फसलों के स्थान पर दलहन, तिलहन, सब्जियां, मक्का और परंपरागत फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इससे किसान को कम श्रम और कम समय में उगने वाली फसल के बदले अच्छे दाम भी मिल सकेंगे.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गन्ने की फसल उगाने वाले किसानों को चीनी मिलो से अक्सर यही शिकायत रहती है कि उनकी फसल का भुगतान देरी से होता है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नीति आयोग की ओर से भी किसानों को गन्ने की खेती की बजाए वैकल्पिक फसल उगाने की सलाह दी जा चुकी है.

अधिकारी ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने अपने विभागीय अधिकारियों के अलावा कृषि और जल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. इसमें सूखे की स्थिति और दालों के बढ़ते दामों को नियंत्रित करने के लिए दालों की खरीद विदेशों से कराने की स्थिति के अलावा दालों के स्टॉक पर चर्चा की गई.

बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि मानसून कमजोर रहने पर दलहन सहित अन्य खाद्य पदार्थों के दामों में बढोत्तरी न हो इसके लिए समय रहते दाल और चीनी का पर्याप्त भंडारण किया जाए. जिससे जरू रत पड़ने पर बाजार में सस्ते दामों पर इन्हें बेचा जा सके. बैठक में गन्ना और चावल की फसल को लेकर हुई चर्चा में कहा कि इन दो फसलों को उगाने में सर्वाधिक पानी खर्च होता है.

अधिकारियों की ओर से सुझाव दिया गया कि गन्ना और चावल उगाने के लिए भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए किसानों के लिए योजना तैयार की जानी चाहिए. इसमें नदी किनारे बसे क्षेत्रों में ही इन फसलों को लगाने की सलाह किसानों को दी जाए. ऐसे किसान जो कम तराई वाले क्षेत्रों में खेती कर रहे हैं उन्हें कम पानी वाली अरहर दाल की फसल उगाने की सलाह कृषि विज्ञान केंद्रों की मदद से दी जानी चाहिए.

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस योजना के अमल में आने से किसानों को दो तरह के फायदे होंगे एक तो वह गन्ने और धान की फसल में लगने वाली अधिक मेहनत से बचेंगे. दूसरा उन्हें गन्ने और धान की वैकल्पिक फसल से बाजार में अच्छे दाम मिलेंगे.

Web Title: narendra Modi government plans to increase the income of farmers by raising low irrigation crops

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