कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मोदी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला, एक साल तक सांसदों को 30 प्रतिशत कम दी जाएगी सैलरी
By अनुराग आनंद | Published: April 6, 2020 03:46 PM2020-04-06T15:46:44+5:302020-04-06T16:11:40+5:30
नरेंद्र मोदी सरकार ने वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए सांसदों की वेतन में कटौती करने का फैसला लिया है।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी से लड़ने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब, एक साल तक सांसदों को 30 प्रतिशत कम सैलरी दी जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
इन दो फैसलों में से एक महत्वपूर्ण फैसला यह भी था कि सांसदों की 30 फीसदी सैलरी कटेगी। दूसरे फैसले में दो साल के लिए MPLAD फंड को खत्म कर दिया गया है। इस फंड का इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने में किया जाएगा।
इस बात की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सांसदों के वेतन में यह कटौती एक साल के लिए होगी। इसके अलावा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल भी स्वेच्छा से इस दौरान 30 फीसदी कम वेतन लेंगे।
The President, Vice President, Governors of States have voluntarily decided to take a pay cut as a social responsibility. The money will go to Consolidated Fund of India: Union Minister Prakash Javadekar https://t.co/ExTFqVJTMapic.twitter.com/xubj3ObqAn
— ANI (@ANI) April 6, 2020
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार की कैबिनेट ने भारत में कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए प्रतिकूल स्थितियों से निपटने के लिए व जरूरी प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के दौरान MPLAD फंड के अस्थायी निलंबन को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 2 साल के लिए सांसदों को इस फंड के माध्यम से जितना लाभ दिया जाता था, सरकार अब उन 7900 करोड़ रुपए का इस्तेमाल इस महामारी से लड़ने के लिए करेगी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा के हर सांसद को अपने क्षेत्र के विकास के लिए हर साल 5 करोड़ रुपये मिलते हैं। इसी फंड को वास्तव में MPLAD फंड कहा जाता है।
अब जब मोदी सरकार ने इस फंड को दो साल के समाप्त करने का फैसला किया है तो इससे 2 साल में करीब 7900 करोड़ रुपये बचेगा, जिसे मोदी सरकार Consolidated Fund के माध्यम से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में खर्च करेगी।