कोलकाता बंदरगाह का बदला नाम, अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से जाना जाएगा, केंद्र सरकार का फैसला

By भाषा | Published: June 4, 2020 08:42 AM2020-06-04T08:42:10+5:302020-06-04T08:42:10+5:30

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोलकाता बंदरगाह न्यास का नाम बदलने के फैसले को मंजूरी दे दी गई है। इस बंदरगाह को अब श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास के नाम से जाना जाएगा।

Narendra Modi Cabinet approves renaming Kolkata Port Trust after Syama Prasad Mookerjee | कोलकाता बंदरगाह का बदला नाम, अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम से जाना जाएगा, केंद्र सरकार का फैसला

श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास के नाम से जाना जाएगा अब कोलकाता बंदरगाह न्यास (फाइल फोटो)

Highlightsकोलकाता बंदरगाह का नाम बदलकर श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने के फैसले को मंजूरीपीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में हुआ फैसला

सरकार ने बुधवार को कोलकाता बंदरगाह न्यास का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास करने को मंजूरी दे दी। आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी।

प्रधानमंत्री ने कोलकाता बंदरगाह की 150वीं जयंती के उद्घाटन समारोह के अवसर पर 12 जनवरी 2020 को कोलकाता बंदरगाह का नाम बदलकर जनसंघ के संस्थापक श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने की घोषणा की थी। विज्ञप्ति के मुताबिक कोलकाता बंदरगाह न्यास के बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी ने 25 फरवरी 2020 को अपनी बैठक में एक प्रस्‍ताव पारित कर विधिवेत्‍ता, शिक्षक, विचारक और जन साधारण के नेता श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी को बहुआयामी प्रतिभा के धनी के रूप में ध्‍यान में रखकर कोलकाता बंदरगाह को नया नाम श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी करने की मंजूरी दे दी थी।

कोलकाता बंदरगाह एक प्रमुख बंदरगाह होने के साथ-साथ नदी के किनारे स्थित देश का पहला बंदरगाह है। 1870 के अधिनियम-पांच के अनुसार कलकत्‍ता बंदरगाह के सुधार के लिए आयुक्‍तों की नियुक्ति पर 17 अक्‍टूबर 1870 को इसे एक न्यासट द्वारा संचालित किया गया। कोलकाता बंदरगाह ने अपनी यात्रा के 150 वर्ष तय किए हैं। यह व्‍यापार, वाणिज्‍य और आर्थिक विकास के लिए भारत का मुख्‍य द्वार है। यह आजादी के लिए भारत के संघर्ष, प्रथम और द्वितीय विश्‍व युद्ध तथा देश में, विशेषकर पूर्वी भारत में हो रहे सामाजिक-आर्थिक बदलाव का गवाह भी रहा है।

आमतौर से भारत में प्रमुख बंदरगाहों के नाम शहर अथवा उस कस्‍बे के नाम पर हैं जहां वे स्थित हैं। हांलाकि विशेष मामलों में अथवा जाने-माने नेताओं के योगदान को श्रद्धांजलि स्वरूप कुछ बंदरगाहों महान राष्‍ट्रीय नेताओं के नाम पर नया नाम दिया गया। न्‍हावा शेवा बंदरगाह को सरकार ने 1988 में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह न्यासट नाम दिया।

तूतीकोरन बंदरगाह न्यासट का नाम बदलकर वर्ष 2011 में वी.ओ. चिदम्‍बरनार बंदरगाह न्यासट कर किया गया और एन्‍नौर बंदरगाह लिमिटेड को जाने माने स्‍वाधीनता सेनानी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्‍यमंत्री के.कामराजार के सम्‍मान में कामराजार बंदरगाह लिमिटेड नाम दे दिया गया। हाल में 2017 में कांडला बंदरगाह का नाम बदलकर दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया। इसके अलावा अनेक हवाई अड्डों के नाम भी भारत के महान नेताओं के नाम पर रखे गए हैं। 

Web Title: Narendra Modi Cabinet approves renaming Kolkata Port Trust after Syama Prasad Mookerjee

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे