नरेंद्र मोदी बने पाँचवें नेता जो लगातार दो बार बने भारत के प्रधानमंत्री, जानिए देश के प्रधानमंत्रियों का इतिहास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 30, 2019 07:31 PM2019-05-30T19:31:53+5:302019-05-30T19:56:29+5:30
नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम सात बजे राष्ट्रपति भवन में भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। इस तरह वो जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह के बाद चौथे ऐसे नेता बन गये हैं जो लगातार दो बार देश का प्रधानमंत्री बना है।
नरेंद्र मोदी आज भारतीय इतिहास में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह जैसे नेताओं की श्रेणी में शामिल हो गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वह कारनामा कर दिखाया है जो आजाद भारत के इतिहास में उनसे पहले केवल चार नेता कर सके थे।
पीएम मोदी से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह लगातार दो बार देश के पीएम बने थे। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी दोनों ही लगातार तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। अटल बिहारी वाजपेयी कुल तीन बार देश के पीएम बने और इंदिरा गांधी कुल चार बार देश की प्रधानमंत्री बनी थीं।
इंदिरा गांधी पहली बार 1966 में लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद देश की प्रधानमंत्री बनी थीं। 1967 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (आई) को बहुमत दिलाया और लगातार दूसरी बार देश की प्रधानमंत्री बनीं।
1971 में जब देश में पाँचवे आम चुनाव हुए तो इंदिरा ने अपनी पार्टी को बहुमत दिलाया और उन्होंने लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली।
इंदिर गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के बाद जब 1977 में आम चुनाव हुए तो कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई और देश में जनता पार्टी की सरकार बनी और मोरारजी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने।
मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली सरकार कार्यकाल पूरा करने से पहले ही गिर पड़ी और चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन वो इस कुर्सी पर ज्यादा समय तक नहीं रह सके और उनकी तत्काल सरकार गिर गई।
1980 में देश में मध्यावधि चुनाव हुए और इंदिरा ने जबरदस्त वापसी करते हुए बहुमत हासिल किया और चौथी बार देश की पीएम बनीं।
इंदिरा गांधी अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर पातीं उससे पहले उनके अंगरक्षकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। इंदिरा की मृत्यु के बाद उनके बड़े बेटे राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने।
1989 में बोफोर्स घोटाले के साये में राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का नेतृत्व किया लेकिन वो अपनी पार्टी को बहुमत नहीं दिला सके।
1989 में जनता दल नेता वीपी सिंह देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन उनकी सरकार एक साल के भीतर गिर गई और उनकी जगह 1990 में चंद्रशेखर ने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली।
चंद्रशेखर भी प्रधानमंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल नहीं पूरा कर सके और उनकी सरकार एक साल के अंदर गिर गई।
1991 में आम चुनाव के प्रचार के दौरान राजीव गांधी की तमिल लिट्टे के आंतकवादियों ने तमिलनाडु में हत्या कर दी। चुनाव में कांग्रेस 244 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री बने।
कांग्रेस के पास बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटें नहीं थीं फिर भी नरसिम्हा राव ने अपना पाँच साल का कार्यकाल पूरा किया।
1996 के आम चुनाव में बीजेपी पहली बार देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसे कुल 161 सीटों पर जीत मिली। बीजेपी अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधामंत्री बने लेकिन उन्होंने 13 दिनों बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
अटल के इस्तीफे के बाद जनता दल नेता एचडी देवगौड़ा ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली लेकिन वो भी एक साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर पाये और उनकी जगह जनता दल नेता इंद्र कुमार गुजरात देश के पीएम बने।
1998 में हुए देश में मध्यावधि चुनाव हुए और बीजेपी एक बार फिर देश की सबसे बड़ी पार्टी बनी। अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार देश के पीएम बने और लेकिन उनकी सरकार 13 महीने बाद ही गिर गई।
1999 के आम चुनाव के बाद अटल बिहारी वाजपेयी लगातार दूसरी बार पीएम पथ की शपथ ली।
बीजेपी ने साल 2004 के चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस ने उसे पछाड़ दिया और देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। कांग्रेस ने नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनाया।
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मनमोहन सिंह के चेहरे के साथ ही चुनाव लड़ा और देश की सबसे बड़ी पार्टी बनी रही। इस तरह मनमोहन सिंह लगातार दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी का प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया। 16वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले दम पर 282 सीटों पर जीत मिली और एनडीए को 336 सीटों पर जीत मिली और मोदी देश के 14वें प्रधानमंत्री बने।
बीजेपी ने 17वें लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के चेहरे के साथ इलेक्शन लड़ा और प्रचण्ड बहुमत हासिल किया और इस तरह नरेंद्र मोदी पाँचवें ऐसे नेता बन गये जिसने लगातार दो बार प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली है।