स्वामी सानंद के अनशन को लेकर साल 2012 में मोदी ने बोला था UPA सरकार पर हमला

By रामदीप मिश्रा | Published: October 11, 2018 11:06 PM2018-10-11T23:06:14+5:302018-10-11T23:06:14+5:30

गंगा नदी में खनन बंद करने की मांग को लेकर लंबे समय से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद अनशन कर रहे थे। उनका गुरुवार (11 अक्टूबर) को एम्स में निधन हो गया। वह 87 साल के थे।

narendra modi attacks on previous upa govt over swami sanand fast in 2012 | स्वामी सानंद के अनशन को लेकर साल 2012 में मोदी ने बोला था UPA सरकार पर हमला

स्वामी सानंद के अनशन को लेकर साल 2012 में मोदी ने बोला था UPA सरकार पर हमला

हरिद्वार में अनशन कर रहे जाने माने पर्यावरणविद प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद के निधन पर सवाल उठाए जाने लगे हैं क्यों कि हरिद्वार जिला प्रशासन ने उनके आश्रम परिसर के चारों ओर धारा 144 लगाकर उन्हें नौ अक्टूबर जबरन उठाकर ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती करा दिया था। 

दरअसल, गंगा नदी में खनन बंद करने की मांग को लेकर लंबे समय से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद अनशन कर रहे थे। उनका गुरुवार (11 अक्टूबर) को एम्स में निधन हो गया। वह 87 साल के थे। सानंद गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर प्रयासरत थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिख चुके थे। 

सबसे बड़ी बात यह है कि अनशन पर स्वामी सानंद को लेकर तात्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और मौजूदा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2012 में इशारों ही इशारों में युपीए और कांग्रेस पर निशाना साधा था। 

उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'मैं स्वामी सानंद के अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना करता हूं, जोकि गंगा को 'अविरल-निर्मल' बनाने लिए मृत्य तक अनशन पर बैठे हैं। उम्मीद है कि केंद्र गंगा को बचाने के लिए ठोस कदम उठाएगा।' अब उनके इस ट्वीट को उत्तराखंड की बीजेपी सरकार और उनके खुद प्रधानमंत्री रहते हुए जबरदस्ती सानंद को उठाकर एम्स में भर्ती करने को लेकर भी देखा जा रहा है।

इधर, उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप ने स्वामी सानंद की मृत्यु की उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने भाजपा के तथाकथित गंगा प्रेम को "छलावा" करार दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की लापरवाही से स्वामी सानन्द की मौत हुई।

स्वामी सानंद पिछले 22 जून से अनशन पर थे, उन्होंने 9 अक्टूबर को जल भी त्याग दिया था। 2011 में स्वामी निगमानंद की हिमालयन अस्‍पताल जॉलीग्रांट में मौत के बाद गुरुवार की दोपहर गंगा के एक और लाल ने प्राण त्याग दिए। स्वामी सानंद के ऋषिकेश एम्स में निधन की खबर मिलते ही गंगाप्रेमियों में शोक की लहर फैल गई। डॉ. रविकांत ने बताया कि स्वामी सानंद को दिल का दौरा पड़ा और काफी कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

उन्होंने बताया कि स्वामी सानन्द को उच्च रक्तचाप, हर्निया के साथ-साथ कोरोनरी आर्टरी रोग भी था तथा अनशन के कारण उनकी सेहत और बिगड़ गयी थी। स्वामी सानंद वर्ष 2008 में उस वक्त चर्चा में आये थे, जब वह उत्तरकाशी में मणिकर्णिका घाट पर भागीरथी पर बन रही पनबिजली परियोजनाओं को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे।

Web Title: narendra modi attacks on previous upa govt over swami sanand fast in 2012

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