पीएम नरेंद्र मोदी बोले- 21वीं सदी का ये तीसरा दशक भारत सहित पूरी दुनिया में होने वाले बड़े बदलावों का है
By रामदीप मिश्रा | Published: February 22, 2020 12:14 PM2020-02-22T12:14:49+5:302020-02-22T12:14:49+5:30
International Judicial Conference 2020ः पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस कॉन्फ्रेंस में ‘जेंडर जस्ट वर्ल्ड’ के विषय को भी रखा गया है। दुनिया का कोई भी देश, कोई भी समाज जेन्डर जस्टिस के बिना पूर्ण विकास नहीं कर सकता और न ही न्यायप्रियता का दावा कर सकता है।
प्रधानमंत्ती नरेंद्र मोदी ने शनिवार (22 फरवरी) को अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन 2020 (International Judicial Conference 2020) को नई दिल्ली में संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये कॉन्फ्रेंस 21वीं सदी के तीसरे दशक के शुरुआत में हो रही है। ये दशक भारत सहित पूरी दुनिया में होने वाले बड़े बदलावों का है। ये बदलाव सामाजिक, आर्थिक, और तकनीकी हर क्षेत्र में होंगे। ये बदलाव तर्क संगत और न्याय संगत होने चाहिए। ये बदलाव सभी के हित में होने चाहिए।
पीएम ने कहा, 'पूज्य बापू का जीवन सत्य और सेवा को समर्पित था, जो किसी भी न्यायतंत्र की नींव माने जाते हैं औ हमारे बापू खुद भी तो वकील थे। अपने जीवन का जो पहला मुकदमा उन्होंने लड़ा, उसके बारे में गांधी जी ने बहुत विस्तार से अपनी आत्मकथा में लिखा है। हर भारतीय की न्याय पालिका पर बहुत आस्था है। हाल में कुछ ऐसे बड़े फैसले आए हैं, जिनको लेकर पूरी दुनिया में चर्चा थी। फैसले से पहले अनेक तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं। लेकिन हुआ क्या? सभी ने न्यायपालिका द्वारा दिए गए इन फैसलों को पूरी सहमति के साथ स्वीकार किया।'
उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बीच कई बार देश के लिए संविधान के तीनों पिलर ने उचित रास्ता ढूंढा है। हमें गर्व है कि भारत में इस तरह की एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई है। बीते 5 वर्षों में भारत की अलग-अलग संस्थाओं ने, इस परंपरा को और सशक्त किया है। देश में ऐसे करीब 1,500 पुराने कानूनों को समाप्त किया गया है, जिनके आज के दौर में प्रासंगिकता समाप्त हो रही है। समाज को मजबूती देने वाले नए कानून भी उतनी ही तेजी से बनाए गए हैं। सरकार ने पूरी संवेदनशीलता से काम किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस कॉन्फ्रेंस में ‘जेंडर जस्ट वर्ल्ड’ के विषय को भी रखा गया है। दुनिया का कोई भी देश, कोई भी समाज जेन्डर जस्टिस के बिना पूर्ण विकास नहीं कर सकता और न ही न्यायप्रियता का दावा कर सकता है। भारत दुनिया के उन बहुत कम देशों में से एक है जिसने स्वतंत्रता के बाद से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित किया है। आज 70 साल बाद अब चुनाव में महिलाओं की भागीदारी अपने सर्वोच्च स्तर पर है।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत इस भागीदारी के दूसरे पहलुओं में भी तेजी से आगे बढ़ा रहा है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं इन अभियानों के कारण ही पहली बार एजुकेशन एनरोलमेंट में गर्ल चाइल्ड का लड़कों से ज्यादा हो गया है। इसी तरह सैन्य सेवा में बेटियों की नियुक्ति हो, फाइटर पाइलट्स की चयन प्रक्रिया हो, माइन्स में रात में काम करने की स्वतंत्रता हो, सरकार द्वारा अनेक बदलाव किए गए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि परिवर्तन के इस दौर में भारत नई ऊंचाई भी हासिल कर रहा है, नई परिभाषाएं गढ़ रहा है और पुरानी अवधारणाओं में बदलाव ला रहा है।