गुजरात दंगा: नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट में तब की नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीन चिट, दंगों को नहीं बताया सुनियोजित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 11, 2019 12:01 PM2019-12-11T12:01:41+5:302019-12-11T12:07:13+5:30
आयोग की रिपोर्ट का पहला हिस्सा 25 सितंबर, 2009 को विधानसभा में पेश किया गया था। यह आयोग गोधरा ट्रेन अग्निकांड और बाद में फैले सांप्रदायिक दंगों के कारणों की जांच के बनाया गया था।
नानावटी-मेहता कमिशन ने साल 2002 के गुजरात दंगे मामले में उस समय की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार को क्लीन चिट दी है। इस कमिशन की अंतिम रिपोर्ट गुजरात विधानसभा में बुधवार को पेश की गई। इस रिपोर्ट में गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना के बाद हुए दंगों को सुनियोजित नहीं बताया गया है।
आयोग की रिपोर्ट का पहला हिस्सा 25 सितंबर, 2009 को विधानसभा में पेश किया गया था। यह आयोग गोधरा ट्रेन अग्निकांड और बाद में फैले सांप्रदायिक दंगों के कारणों की जांच के बनाया गया था। आयोग ने 18 नवंबर, 2014 को तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।
इन दंगों में 1000 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के थे। साल 2002 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दंगों की जांच के लिए आयोग गठित किया था। यह दंगे गोधरा रेलवे स्टेशन के समीप साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की दो बोगियों में आग लगाए जाने के बाद भड़के थे जिसमें 59 ‘कारसेवक’ मारे गए थे।