नाना पटोले का आरोप, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार का रिमोट शरद पवार के पास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 16, 2021 11:31 AM2021-07-16T11:31:58+5:302021-07-16T11:34:43+5:30
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने शरद पवार को MVA सरकार का 'बॉस' बताया है। पटोले अपने बयानों को लेकर कांग्रेस पार्टी के लिए पहले भी लगातार मुश्किलें खड़े करते रहे हैं।
मुंबई: अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों बटोरने वाले महाराष्ट्रकांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार पटोले ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को लेकर बड़ा बयान दिया हैं। पटोले के मुताबिक महाविकास अघाड़ी सरकार का रिमोट शरद पवार के पास है।
पटोले ने बिना नाम लेते हुए कहा कि, "हम (कांग्रेस) किसी बड़े नेता के बारे में टिप्पणी नहीं करते लेकिन बाहरी लोगों को भी कुछ बोलने से पहले अपनी पार्टी में झांकना चाहिए।"
कांग्रेस को महाराष्ट्र की नंबर 1 पार्टी बनाने का सपना देख रहे नाना पटोले इससे पहले भी अपने बयानों से कांग्रेस, एनसीपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। नाना पटोले के कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान पर सीएम उद्धव ठाकरे और शरद पवार दोनों ने नाराजगी जताई थी।
कांग्रेस प्रभारी एच के पाटिल से पवार ने कहा था कि अगर कांग्रेस ने ऐसा कोई फैसला किया है तो उसे सार्वजनिक करें।
'नाना पटोले क्या बोलते हैं, इसका सरकार पर असर नहीं'
शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय ने पटोले के बयानों का जवाब देते हुए लिखा कि नाना क्या बोलते-करते हैं इससे महाराष्ट्र सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता, सरकार उद्धव ठाकरे, शरद पवार और सोनिया गांधी की मर्जी से चल रही है।
हाल में लोनावाला में हुईं कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में नाना पटोले ने शिव सेना-एनसीपी पर जासूसी करने का आरोप लगा दिया था, जिसके बाद पटोले को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई देनी पड़ गई थी।
पटोले कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पार्टी का आक्रामक नेतृत्व करते दिख रहे हैं, लेकिन इस वजह से उनके गठबंधन के साथियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा हैं।
खबरों के मुताबिक मंगलवार को मुंबई में कांग्रेस की आयोजित बैठक में मंत्रियों के कामकाज जी समीक्षा की गई, कुछ मंत्रियों के काम पर पार्टी नेतृत्व ने नाराजगी भी जताई, सूत्रों के का यह भी कहना हैं कि नाना पटोले खुद मंत्री बनना चाहते हैं।
बकौल पटोले कहते हैं कि "मैंने कभी भी शिवसेना, एनसीपी के खिलाफ कुछ नहीं कहा, मैंने हमेशा बीजेपी-आरएसएस का विरोध किया है इस वजह से ही आलाकमान ने मुझे यह जिम्मेदारी दी हैं।"