नागपुरः सत्र न्यायालय ने नाबालिग यौन शोषण के आरोपी को किया बरी, कहा- पीड़िता की गवाही पर सजा संभव लेकिन...

By डॉ. आशीष दुबे | Published: October 1, 2022 10:15 AM2022-10-01T10:15:30+5:302022-10-01T10:29:16+5:30

विशेष सत्र न्यायालय ने नाबालिक बालिका के साथ यौन शोषण के मामले में फैसला सुनाते कहा कि केवल पीड़िता की गवाही पर सजा देना संभव है। लेकिन इसके लिए पीड़िता की गवाही विश्वसीनय होना जरूरी है।

Nagpur Sessions court acquitted minor sexual abuse accused victim's testimony must be credible | नागपुरः सत्र न्यायालय ने नाबालिग यौन शोषण के आरोपी को किया बरी, कहा- पीड़िता की गवाही पर सजा संभव लेकिन...

नागपुरः सत्र न्यायालय ने नाबालिग यौन शोषण के आरोपी को किया बरी, कहा- पीड़िता की गवाही पर सजा संभव लेकिन...

Highlightsमामले में बरी होने वाला आरोपी नरखेड़ तहसील के बेलोना गांव निवासी प्रमोद ठोंबरे है। घटना 29 अप्रैल 2020 की है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को बरी कर दिया।

नागपुरः अतिरिक्त सह जिला व सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट ) ए.एम. राजकारणे की अदालत ने नाबालिक बालिका के साथ यौन शोषण के मामले में फैसला सुनाते कहा कि केवल पीड़िता की गवाही पर सजा देना संभव है। लेकिन इसके लिए पीड़िता की गवाही विश्वसीनय होना जरूरी है। साथ ही जैसे घटना घटी उसी तरह ही घटना पीड़िता को बताना जरूरी है।

 कोर्ट ने उपरोक्त राय को व्यक्त करते हुए स्पष्ट किया कि इस मामले में गवाहों के बयानों में कई विसंगतियां हैं। इस मामले में यह भी महत्वपूर्ण है कि हर गवाह अलग-अलग गवाही दे रहा है। किसी की भी गवाही में एकसूत्रता नहीं है। लिहाजा केवल पीड़िता की गवाही पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। कोर्ट ने साथ में यही भी कहा कि पीड़िता की गवाही को मेडिकल अधिकारी का भी समर्थन नहीं मिल रहा। लिहाजा न्यायालय ने आरोपी को पुख्ता सबूतों के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। मामले में बरी होने वाला आरोपी नरखेड़ तहसील के बेलोना गांव निवासी प्रमोद ठोंबरे है। घटना 29 अप्रैल 2020 की है। 

मामले में विशेष सरकारी वकील ने जिरह के दौरान दलील दी कि पीड़िता की गवाही के आधार पर आरोपी को सजा दी जा सकती है। साथ ही आरोपी ने अपराध किया है यह प्रथम दृष्टया नजर आता है। इसमें वाद नहीं कि केवल पीड़िता की गवाही पर निर्भर रहकर आरोपी को सजा दी जा सकती है। उसके जवाब को अन्य गवाहों का समर्थन नहीं मिला तो भी आरोपी को सजा दी जा सकती है।

सरकारी पक्ष के वकील के इस दलील पर आरोपी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रमेश रावलानी व अधिवक्ता अतुल रावलानी ने कोर्ट को बताया कि मामले में पीड़िता के बयान व गवाहों के बयान में कई सारी विसंगतियां है। मेडिकल अधिकारी की रिपोर्ट से भी यह साबित नहीं होता कि आरोपी ने बालिका का यौन शोषण किया है। इसके अलावा उन्होंने गवाहों के बयानों की विसंगतियों की ओर भी न्यायालय का ध्यानाकर्षित किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को बरी कर दिया।

Web Title: Nagpur Sessions court acquitted minor sexual abuse accused victim's testimony must be credible

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