तीन माह से मानदेय का इंतजार कर रहे होमगार्ड जवान, काम भी बंद, साल भर से नहीं मिला दैनिक, जानें मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 25, 2021 07:47 PM2021-02-25T19:47:28+5:302021-02-25T19:51:25+5:30

जिला होमगार्ड समादेशक कार्यालय के तहत 2,750 होमगार्ड कार्यरत है. इनमें 500 स्त्री और 2,200 पुरुष होमगार्ड हैं. नागपुर जिले में स्थित 16 तहसीलों में 22 सब यूनिट हैं.

nagpur Home guard jawans waiting honorarium three months work also stopped  daily settlement | तीन माह से मानदेय का इंतजार कर रहे होमगार्ड जवान, काम भी बंद, साल भर से नहीं मिला दैनिक, जानें मामला

होमगार्ड सैनिकों को माह में तीन दिन काम यह तय नहीं होता है कि माह में कितने दिन काम मिलेगा? (file photo)

Highlightsशहर और ग्रामीण दोनों मिलाकर नागपुर जिले का क्षेत्र निर्धारित किया गया है.नागपुर महानगर का क्षेत्र जिले के बराबर का है. इसके अलावा उसके साथ नागपुर ग्रामीण भी जोड़ दिया गया है. महीने में एक अथवा या अधिकतम तीन दिन ड्यूटी मिलती है.

नागपुरःनागपुर महानगर के होमगार्ड सैनिको का मानदेय दिसंबर से और ग्रामीण के होमगार्ड सैनिकों का मानदेय नवंबर से लंबित है. उनके कार्य की कोई निश्चितता नहीं होती है और समय पर मानदेय का भुगतान भी नहीं हो रहा है.

नागपुर महानगर और नागपुर ग्रामीण दो हिस्से में विभाजित जिला होमगार्ड समादेशक कार्यालय के तहत 2,750 होमगार्ड कार्यरत है. इनमें 500 स्त्री और 2,200 पुरुष होमगार्ड हैं. नागपुर जिले में स्थित 16 तहसीलों में 22 सब यूनिट हैं. शहर और ग्रामीण दोनों मिलाकर नागपुर जिले का क्षेत्र निर्धारित किया गया है.

नागपुर महानगर का क्षेत्र जिले के बराबर का है. इसके अलावा उसके साथ नागपुर ग्रामीण भी जोड़ दिया गया है. फिर भी इन दिनों होमगार्डों की ड्यूटी पहले जैसे नहीं मिलती हैं. महीने में एक अथवा या अधिकतम तीन दिन ड्यूटी मिलती है. अनेक लोगों को काम ही नहीं मिलता है.

पहले जिला होमगार्ड समादेशक का पद मानसेवी था. तीन वर्ष पूर्व यह जिम्मेदारी अपर पुलिस अधीक्षक दर्जे के अधिकारी को सौंपी गई है. अपने नियमित कार्य के अलावा दैनिक कार्य और जिम्मेदारी को संभालते हुए उनको होमगार्ड समादेशक के पद से न्याय करना पड़ता है. 

होमगार्ड सैनिकों को माह में तीन दिन काम यह तय नहीं होता है कि माह में कितने दिन काम मिलेगा? कभी-कभी एक से तीन दिन तक का काम मिल जाता है. लेकिन कभी-कभी कोई काम नहीं मिलता है. काम के घंटे और कर्तव्य भत्ता मिलाकर मात्र 670 रुपए मिलते हैं. तीन दिनों की ड्यूटी के माह में 1900 रुपए मिलते हैं. फिर भी केवल मानसेवी के तौर पर अनेक लोग समाज और देश के लिए सेवा दे रहे हैं.

कोविड काल के मानदेय का मुद्दा निपटा दिया गया है. नागपुर ग्रामीण का मानदेय बकाया है. अनुदान प्राप्त होने के बाद सबको बकाया मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा. जल्द ही इसकी समीक्षा की जाएगी. सभी खामियों को दूर कर लिया जाएगा. -राहुल माखनिकर, होमगार्ड समादेशक तथा अपर पुलिस अधीक्षक (नागपुर ग्रामीण) 

पहले का मानदेय नहीं मिला. कोविड काल का 90 दिनों का साप्ताहिक भत्ता नहीं मिला. चालू बंदोबस्त का मानदेय बकाया है. हम मानसेवी के तौर पर कार्यरत हैं. समय पर भत्ते और मानदेय देकर सरकार को हमारी सेवा सम्मान करना चाहिए. - खेमचंद म्हस्के

काम करने के बाद भी समय पर मानदेय नहीं मिलता है. यह तय नहीं होता है कि माह में कितने दिन काम मिलेगा? 2020 के परीक्षा काल की सेवा का मानदेय अभी भी नहीं मिला है. हमारी ड्यूटी को लेकर भी अनिश्चितता होने से माह में एक से तीन दिनों का ही काम मिलता है. - राहुल इखार

दिसंबर 2020 से हमारा मानदेय बकाया है. कोविड काल में 180 दिन काम किया. लेकिन इसका मानदेय अभी भी नहीं मिला है. माह में जैसे-तैसे एक ड्यूटी मिलती है. कभी-कभी ड्यूटी भी नहीं मिलती है. -प्रवीण पनवरे 

Web Title: nagpur Home guard jawans waiting honorarium three months work also stopped  daily settlement

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