नागपुर: सुरक्षित नहीं 3000 साल पुराने कंकाल, खटाई में आर्कियोलॉजिक थीम पार्क परियोजना

By वसीम क़ुरैशी | Published: October 14, 2021 08:28 PM2021-10-14T20:28:05+5:302021-10-14T20:28:05+5:30

आर्कियोलॉजी थीम पार्क परियोजना के तहत की गई खुदाई के बाद गोरेवाड़ा में मेगालिथिक काल की कब्र मिली थी. हालांकि परियोजना का काम बीते करीब डेढ़ साल से ज्यादा समय से ठप पड़ा हुआ है.

Nagpur Gorewada Zoo Archaeological theme park project 3000 year old skeleton not safe | नागपुर: सुरक्षित नहीं 3000 साल पुराने कंकाल, खटाई में आर्कियोलॉजिक थीम पार्क परियोजना

खटाई में आर्कियोलॉजिक थीम पार्क परियोजना

नागपुर: गोरेवाड़ा जू को बालासाहब ठाकरे प्राणी संग्रहालय का नाम जरूर दे दिया गया है लेकिन विदर्भ का हिस्सा होने की वजह से शायद इससे जुड़े पर्यटन विकास की जमकर उपेक्षा की जा रही है. तीन साल पहले यहां डेक्कन कालेज ऑफ ऑर्कियोलॉजी, पुणे के साथ एफडीसीएम ने आर्कियोलॉजी थीम पार्क परियोजना के लिए साझा करार किया था. 

प्रोजेक्ट के तहत की गई खुदाई के बाद गोरेवाड़ा में मेगालिथिक काल की कब्र मिली थी. लेकिन परियोजना का काम बीते करीब डेढ़ साल से ज्यादा समय से ठप पड़ा हुआ है.

सूत्रों के अनुसार खोदी गई जगह को तय मानकों के मुताबिक सुरक्षित करना होता है, ये काम नहीं किया गया. इससे कब्र में मिले दो कंकाल सुरक्षित नहीं हैं. सूत्रों की मानें तो डेक्कन कॉलेज ने पुणे की किसी एजेंसी को उत्खनन का काम दिया था. लेकिन किसी विवाद की स्थिति के चलते काम आगे नहीं बढ़ पाया. 

हालांकि आधिकारिक रूप से काम न होने के पीछे कोविड काल का सहारा लिया जा रहा है. फिलहाल ये प्रोजेक्ट और इसका काम के, ‘जंगल में मोर नाचा किसने देखा’ जैसे हाल हैं.

'दूसरे चरण के लिए साइन होगा एमओयू'

वहीं, एफडीसीएम के मैनेजिंग डायरेक्टर एम. वासुदेवन ने कहा, 'हमने जो फंड दिया है, उसके तहत उन्होंने अपना कांट्रैक्टर लगाया है. यह बात सही है कि इस प्रोजेक्ट में काफी विलंब हुआ है. खुदाई में 2-3 कंकाल मिले हैं. वीसी के साथ दो बार मीटिंग हो चुकी है. शेष काम 6 माह में पूरा करने के लिए कहा है. इसके लिए दूसरे चरण का साझा करार किया जाएगा़ यह महत्वपूर्ण डिस्कवरी है, लोगों में इस तरह की खोज को लेकर बहुत जिज्ञासा रहती है. संबंधित स्थल पर पृथक रूप से ट्रेल बनाने का प्रस्ताव था.'

बढ़ेगा पर्यटन

गोरेवाड़ा प्राणी संग्रहालय में वन्यजीवों के अलावा पुरातत्वीय उत्खनन के बाद हुई इस खोज से पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा. लेकिन इस परियोजना को पूरी शक्ति के साथ गति ही नहीं मिल पा रही है. अफसोस की बात तो ये है कि ये परियोजना मंद गति से भी नहीं चल पाई. विदर्भ के विकास से जुड़ा मुद्दा होने के चलते ही शायद ये ठंडे बस्ते में ढकेल दिया गया है.

Web Title: Nagpur Gorewada Zoo Archaeological theme park project 3000 year old skeleton not safe

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