नागपुरः बिताए दिनों को याद कर भावुक हुए सीजेआई उदय उमेश ललित, आंखों से अश्रू छलके, जानें सबकुछ
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 3, 2022 10:15 PM2022-09-03T22:15:22+5:302022-09-03T22:16:19+5:30
भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित ने रुडयार्ड किपलिंग की एक कविता का उल्लेख किया, जिसमें यह कहा गया है कि जीवन एक यात्रा है।

कानूनी पेशे की अपनी यात्रा शुरू की थी।
नागपुरः भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित ने एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत में महाराष्ट्र के नागपुर शहर में बिताए दिनों को शनिवार को याद किया और भावुक हो गए। उनकी आंखों से अश्रू छलक पड़े।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में अपने सम्बोधन में कहा कि वह सीजेआई के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने सर्वोत्तम ज्ञान और क्षमता के अनुसार सब कुछ करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि नागपुर में बोलते हुए उन्हें पुराने दिनों की याद आ रही है, जब उन्होंने कानूनी पेशे की अपनी यात्रा शुरू की थी।
Nagpur,Maharashtra | I've been fortunate that I come from family of lawyers. My grandfather started in 1920 in district Solapur. I'd be happiest person that my earlier & next generation are in practice when I step down in 3 months: CJI UU Lalit at HC bar asso felicitation program pic.twitter.com/J63wk6Q8ZW
— ANI (@ANI) September 3, 2022
सीजेआई ने रुडयार्ड किपलिंग की एक कविता का उल्लेख किया, जिसमें यह कहा गया है कि जीवन एक यात्रा है। वह इस दौरान भावुक हो गये और सम्बोधन के दौरान कुछ क्षण के लिए आंसू के माध्यम से आंखों से निकल रहे जज्बातों को अपने काबू में किया। उन्होंने आंसू पोंछे और भावनाओं पर काबू न रख पाने के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सिर्फ एक वादा करना है... मैं अपनी पूरी जानकारी और क्षमता के अनुसार सब कुछ करूंगा।’’