सीएम नीतीश कुमार से भी संपर्क साधने में जुटे चंद्रबाबू नायडू, पुरानी दोस्ती का दे रहे हैं वास्ता
By संतोष ठाकुर | Published: May 19, 2019 06:29 AM2019-05-19T06:29:32+5:302019-05-19T06:29:32+5:30
चंद्रबाबू नायडू इस समय केंद्र में भाजपा रहित केंद्र सरकार बनाने के प्रयासों के केंद्र में हैं और वह राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी, नवीन पटनायक तक से लगातार संपर्क कर केंद्र में गैर भाजपा सरकार बनाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।
पुरानी दोस्ती के नाम पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी संपर्क साधने का प्रयास शुरू कर दिया है। उनके इस प्रयास से सतर्क हुई भाजपा कोई भी कदम उठाने से पहले नीतीश कुमार की ओर से दिए जाने वाले जवाब का इंतजार करना चाहती है। हालांकि उसने अपने स्तर पर यह कोशिश शुरू कर दी है कि दोनों के बीच मुलाकात न हो और अगर इस पर कोई सहमति बनती भी है तो वहां पर बिहार भाजपा के भी नेता हो।
चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में जदयू के कुछ सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ अनौपचारिक वार्ता की है। जिसके माध्यम से उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह संदेश पहुंचाने का प्रयास किया है कि दोनों पुराने सहयोगी रहे हैं, ऐसे में एक बार दोनों की मुलाकात होनी चाहिए। यह माना जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू इस मुलाकात के बहाने नीतीश कुमार को अपने साथ लाने या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से ऐसी मांग कराना चाहेंगे जिससे भाजपा नेता असहज हो। चंद्रबाबू नायडू इस समय केंद्र में भाजपा रहित केंद्र सरकार बनाने के प्रयासों के केंद्र में हैं और वह राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी, नवीन पटनायक तक से लगातार संपर्क कर केंद्र में गैर भाजपा सरकार बनाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।
एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए को आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के बहाने छोड़ा था। चुनाव से ठीक पहले उन्होंने ऐसा दांव चला था जिसे अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वीकार करते तो नायडू अपने राज्य में हीरो बन जाते और जब उन्होंने इसके बहाने एनडीए से नाता तोड़ा तो उसका भी जनमानस पर यही संदेश गया कि उन्होंने राज्य के हित में गठबंधन तोड़ा है।
बिहार भी लंबे अर्से से विशेष राज्य के दर्जा का मांग कर रहा है। हालांकि इस चुनाव के दौरान पहले तीन चरण तक बिहार में भी एनडीए-भाजपा-जदयू का प्रचार राष्ट्रवाद और मोदी मैजिक पर केंद्रीत था। लेकिन छठे चरण के दौरान जदयू के नेताओं ने विशेष राज्य के दर्जा को लेकर एक बार फिर से मांग उठाई। चंद्रबाबू नायडू को लगता है कि यह एक ऐसा बिंदु है जिसके सहारे वह जदयू में सेंध लगा सकते हैं। यही वजह है कि उन्होंने जदयू के साथ बातचीत के प्रयास ठीक सातवें चरण के चुनाव से पहले किया है। हालांकि नीतीश कुमार की ओर से फिलहाल उन्हें कोई सकारात्मक संदेश हासिल नहीं हुआ है। लेकिन एक सच यह भी है कि चुनावी गणित ही ऐसा है जहां दो जमा दो चार नहीं होकर कई बार जीरो भी हो जाता है। शायद इसी उम्मीद पर नायडू यहां अपना दांव खेलने का प्रयास कर रहे हैं।