मेरे पिता उप-प्रधानमंत्री थे, फिर भी दलित होने के कारण भेदभाव झेला और अपमानित हुए- मीरा कुमार
By शिवेंद्र राय | Published: August 17, 2022 11:22 AM2022-08-17T11:22:09+5:302022-08-17T11:24:37+5:30
पूर्व लोकसभा स्पीकर और कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने देश में जातिगत भेदभाव और दलितों के उत्पीड़न पर भी महत्वपूर्ण टिप्पड़ी की है। उन्होंने कहा है कि आजादी के 75 वर्षों के बाद भी जातिवाद हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। जातिवाद को कलंक बताते हुए मीरा कुमार ने कहा कि उनके पिता उप-प्रधानमंत्री और बेहद प्रभावशाली शख्सियत थे, इसके बावजूद उनके खिलाफ जातिसूचक संबोधन इस्तेमाल किए गए।
नई दिल्ली: हाल ही में राजस्थान में एक दलित लड़के स्कूल में पिटाई से कारण मौत हो गई। दलित बच्चे ने स्कूल में मटके से पानी पी लिया था जो उच्च वर्ग के शिक्षक को नागवार गुजरा। पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने इस मामले पर कहा है कि "जो भी हुआ है वह बेहद भयावह है। 100 साल पहले मेरे पिता बच गए थे, लेकिन 100 साल बाद बच्चे को जान गंवानी पड़ी।" पूर्व लोकसभा स्पीकर और कांग्रेस नेता मीरा कुमार ने देश में जातिगत भेदभाव और दलितों के उत्पीड़न पर भी महत्वपूर्ण टिप्पड़ी की है।
100 years ago my father Babu Jagjivan Ram was prohibited from drinking water in school from the pitcher meant for Savarna Hindus. It was a miracle his life was saved. 1/2
— Meira Kumar (@meira_kumar) August 15, 2022
समाचार चैनल एनडीटीवी के साथ बातचीत में पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने कहा, "मैंने एक बार अपने पिता बाबू जगजीवन राम जी से पूछा था कि आपने इस देश के लिए आजादी की लड़ाई क्यों लड़ी? आपने यह जोखिम क्यों लिया? इस देश ने आपके लिए और दलित वर्ग के लिए कुछ नहीं किया, आप लोगों को तो अपमान और अत्याचार ही झेलना पड़ा तो उन्होंने कहा था कि आजाद भारत अलग होगा। आजादी के बाद हमें जातिविहीन समाज मिलेगा। मुझे खुशी है कि ऐसी घटनाओं को सुनने के लिए आज वे नहीं हैं। आजादी के 75 साल भी इस मामले में भारत नहीं बदला है। यह बेहद दुखद है।"
मीरा कुमार ने बताया कि उनके पिता ने काफी मुश्किलों के बावजूद बहुत कुछ हासिल किया लेकिन उन्हें आज भी दलित नेता के रूप में जाना जाता है। किसी अन्य नेता को उसकी जाति से नहीं जाना जाता। चूंकि मेरे पिता दलित थे, इसलिए उन्हें इस नाम से जाना जाता है।
मीरा कुमार बातचीत के दौरान एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, "मेरे पिता देश के उप प्रधानमंत्री थे, वर्ष 1978 में वे डॉ. संपूर्णानंद की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए बनारस गए थे वहां उन्हें अपमानित किया गया। उनके खिलाफ जातिसूचक संबोधन इस्तेमाल किए गए। वे उप-प्रधानमंत्री और बेहद प्रभावशाली शख्सियत थे। इसके बावजूद उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। बाद में प्रतिमा को गंगाजल से धोया गया क्योंकि उनका मानना था कि प्रतिमा 'अशुद्ध' हो गई है।"
मीरा कुमार ने राजस्थान हुई घटना के लेकर ट्वीटर पर लिखा, "100 साल पहले मेरे पिता बाबू जगजीवन राम को स्कूल में सवर्णों के घड़े से पानी पाने से रोक दिया गया था। यह चमत्कार ही था कि उनकी जान बच गई। आज इसी वजह से एक 9 वर्ष के दलित बच्चे को मार दिया गया। आजादी के 75 वर्षों के बाद भी जातिवाद हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। यह कलंक है।"