मुजफ्फरपुर मामलाः पूर्व मंत्री मंजू वर्मा पर सरेंडर के लिए दबाव बढ़ा, संपत्ति हो सकती है कुर्क
By एस पी सिन्हा | Published: November 16, 2018 08:11 PM2018-11-16T20:11:09+5:302018-11-16T20:11:09+5:30
डीजीपी ने कहा कि मंजू वर्मा की किसी कीमत पर गिरफ्तारी होगी। मंजू वर्मा पर कुर्की जब्ती के लिए पुलिस ने कोर्ट में आवेदन दिया है। आज इस संबंध में कोर्ट से आदेश मिल सकता है। आदेश मिलते ही कुर्की की जाएगी।
बिहार में फरार चल रहीं पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को लेकर डीजीपी केएस द्वीदी ने शुक्रवार (16 नवंबर) यहां कहा कि उन पर अब एक अपराधी की तरह कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी होगी। साथ ही उन्होंने मंजू वर्मा की गिरफ्तारी को लेकर कोर्ट की नाराजगी जताने पर कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के बिना आदेश के ही बिहार पुलिस अपनी तरफ से कोशिश कर रही है।
डीजीपी ने कहा कि मंजू वर्मा की किसी कीमत पर गिरफ्तारी होगी। मंजू वर्मा पर कुर्की जब्ती के लिए पुलिस ने कोर्ट में आवेदन दिया है। आज इस संबंध में कोर्ट से आदेश मिल सकता है। आदेश मिलते ही कुर्की की जाएगी। वहीं अभी उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं। कोर्ट के आदेश के बिना ही पुलिस प्रशासन सख्ती से इस मामले में लगा हुआ है।
मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने कहा गिरफ्तारी के लिए कोई सीमा नहीं होती, हम पूरजोर प्रयास कर रहे हैं। वहीं, मंजू वर्मा की ओर से भी कुर्की-जब्ती के खिलाफ अदालत में विरोध जताया गया है।
इधर, एडीजी एसके सिंघल ने कहा है कि ''पूर्व मंत्री मंजू वर्मा अगर जल्द ही आत्मसमर्पण नहीं करती हैं, तो उनकी संपत्ति को संलग्न करने की योजना बिहार पुलिस ने बनाई है।''
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर बालिका अल्पवास गृह यौन शोषण कांड मामले में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति का नाम सामने आया था। बालिका गृह कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर के मोबाइल सीडीआर में चंद्रशेखर वर्मा के नाम आया था। इसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त को छापेमारी के दौरान मंजू वर्मा के पैतृक आवास श्रीपुर अर्जुन टोला स्थित आवास पर से पचास राउंड अवैध कारतूस बरामद किया था।
इसके बाद मंजू वर्मा और उनके पति पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था। इसके बाद उन्हें मंत्री पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था। आर्म्स एक्ट के ही मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा ने 29 अक्टूबर को मंझौल के एसीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था।
इस बीच, पूर्व मंत्री की तलाश में बेगूसराय पुलिस अब बिहार के अलावा दूसरे राज्यों में भी छापेमारी कर रही है। सूत्रों की मानें तो गुरुवार को भी नालंदा, बिहारशरीफ, रांची, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जगहों पर छापेमारी की गई। यहां यह भी बता दें कि पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को जनता दल यूनाइटेड से निलंबित कर दिया गया है।
बताया जा रहा है पार्टी ने ये कदम सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए उठाया है। बताया जा रहा है कि मंजू वर्मा का निलंबन 10 नवंबर को ही हो गया था। हालांकि इस बात की जानकारी अब बाहर आई है। दरअसल, बिहार पुलिस मंजू वर्मा की तलाश कर रही है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वे जल्दी ही सरेंडर भी कर सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मंजू वर्मा की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय राज्य सरकार को लगातार फटकार भी लगाती रही है। राजनीतिक हलकों में चर्चा आम है कि पार्टी ने निलंबन का ये फैसला गिरफ्तारी के बाद होने वाली फजीहत से बचने के लिए किया है।
जदयू के नेता लगातार ये जताने कोशिश कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के कारण नहीं बल्कि पार्टी ने अनुशासनात्मक कारणों से ये कार्रवाई की है। वे दलील भी दे रहे हैं कि पार्टी आपराधिक मामलों में कोई मुरव्वत नहीं करती। हालांकि हकीकत ये है कि मंजू वर्मा जदयू के गले की हड्डी बन गई हैं।