राम मंदिर के लिए चंदा कर रही है मुस्लिम महिला, बोली- खुशकिस्मती है कि हम मंदिर बनते देख पा रहे हैं
By अनुराग आनंद | Published: January 20, 2021 09:05 AM2021-01-20T09:05:59+5:302021-01-20T09:08:55+5:30
राम मंदिर के लिए चंदा कर रही जाहरा बेगम इस बात पर जोर देती हैं कि भारत की सच्ची भावना परंपरा और विविधता में एकता है।
लखनऊ: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए तैयारी चल रही है। गांव-गांव से मंदिर निर्माण के लिए चंदा करने का अभियान राजनैतिक व गैरराजनीतिक दलों व संगठनों ने शुरू कर दिया है। हर क्षेत्र से जुड़े लोग राम मंदिर के नाम पर दान देने के लिए आगे आए हैं।
इस बीच एक अच्छी खबर यह है कि राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम महिला जाहरा बेगम भी चंदा जुटा रही है। जाहरा तहेरा भारत के गंगा-जमुनी तहजीब के मिशाल को पेश कर रही हैं। पेशे से एक ट्रस्ट चलाने वाली ताहरी दोनों कौम के बीच भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए ऐसा कर रही हैं।
टाइम्स नाऊ के मुताबिक, जाहरा ने कहा कि 'मुस्लिम समुदाय सहित सभी समुदायों के लोग विनायक चतुर्थी, दशहरा एवं राम नवमी की पूजा के लिए हिंदू भाई-बहनों का सहयोग करेंगे।' जाहरा इस बात पर जोर देती हैं कि भारत की सच्ची भावना परंपरा और विविधता में एकता है।
मुस्लिम वर्ग के लोग भी आगे बढ़कर चंदा जमा करें-
साथ ही जाहरा ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए उन्होंने मुस्लिम समुदाय से चंदा देने सहित सभी संभावित तरीकों से मदद करने की अपील की है। जाहरा चाहती हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोग इस अभियान में बढ़चढ़कर हिस्सा लें और मंदिर निर्माण में चंदा देकर सहयोग करें। इसके लिए साहरा ने कहा कि मुसलमान 10 रुपए से लेकर अपनी सामर्थ्य के अनुसार फंड में योगदान कर सकता है।
वर्षों तक गांवों, दूर-दराज के इलाकों में काम किया-
जाहरा ने बताया है कि वर्षों तक गांवों, दूर-दराज के इलाकों में काम किया है और उन्होंने पाया कि करीब सभी गांवों में मस्जिदों, ईदगाह और कब्रिस्तान के निर्माण के लिए हिंदुओं ने दान स्वरूप मुस्लिम समुदाय को जमीनें दी हैं। उन्होंने कहा कि गैर-मुस्लिम समुदाय ने अपनी मरजी से खेती योग्य अपनी जमीन मुस्लिमों को दान की हैं। जमीन देने के अलावा हिंदुओं ने मस्जिद, ईदगाह और कब्रिस्तान के निर्माण में सहयोग भी किया है।