"अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर भारत को दोष देने वालों को जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं"- निर्मला सीतारण
By अंजली चौहान | Published: April 11, 2023 10:01 AM2023-04-11T10:01:44+5:302023-04-11T10:40:34+5:30
निर्मला सीतारमण रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वसंत बैठकों में भाग लेने और भारतीय राष्ट्रपति पद के तहत दूसरी जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए वाशिंगटन पहुंची हैं।
वाशिंगटन: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर है और अल्पसंख्यक मुद्दों पर देश को दोष देने वालों को जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं है।
भारत के प्रति नकारात्मक पश्चिमी धारणा पर करारा जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों की स्थिति कहीं ज्यादा बेहतर है, जबकि पाकिस्तान में हालात एकदम उलट हैं।
दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री इस समय वाशिंगटन में हैं और उन्होंने अमेरिकी पत्रकारों से बात करते हुए कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी हैं।
वित्त मंत्री ने भारत की नकारात्मक पश्चिमी धारणा का जवाब देते हुए कहा कि भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है और यह आबादी केवल संख्या में बढ़ रही है।
अगर कोई धारणा है या वास्तव में राज्य के समर्थन से उनका जीवन कठिन या कठिन बना दिया गया है जो कि इन अधिकांश लेखों में लिखा गया तो मैं पूछंती हूं कि क्या भारत में ऐसा होगा? क्या ऐसे में मुस्लिम आबादी होगी, 1947 की तुलना में आबादी बढ़ रही है और उसी समय पाकिस्तान भी बना था लेकिन हालात वहां विपरीत है।
Washington DC | India has the second largest Muslim population in the world and that population is only growing in numbers. If there is a perception or in reality, their lives are difficult or made difficult with the support of the State which is what is implied in most of these… pic.twitter.com/6fVTzuTFG9
— ANI (@ANI) April 11, 2023
सीतारमण ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक की आबादी घटती जा रही है। यहां तक की वहां मुस्लिमों की आबादी पर भी प्रभाव पड़ रहा है लेकिन भारत में देखेंगे तो मुसलमान अपना व्यवसाय कर रहे हैं। उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जा रही है, फेलोशिप दी जा रही है।
गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वसंत बैठकों में भाग लेने और भारतीय राष्ट्रपति पद के तहत दूसरी जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए वाशिंगटन पहुंची हैं।
इस दौरान उन्होंने भारत में निवेश या पूंजी प्रवाह को प्रभावित करने वाली धारणाओं के एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि इसका सही उत्तर उन निवेशकों के पास है जो भारत आ रहे हैं।
एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो निवेश प्राप्त करने में रूचि रखता है मैं केवल यह कहूंगी कि भारत में क्या हो रहा यह देखने के बजाय उन लोगों द्वारा बनाई जा रही धारणाओं को सुनें जो जमीन पर भी नहीं आए और रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।
जब पीआईआईई के अध्यक्ष ने वित्त मंत्री से पश्चिमी मीडिया में विपक्षी दल के सांसदों की स्थिति खोने और भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के हिंसा के बारे में व्यापक रिपोर्टिंग के बारे में पूछा तो उन्होंने इसका करारा जवाब देते हुए भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का उदाहरण दिया।
उन्होंने भारत की स्थिति की तुलना पाकिस्तान से करते हुए कहा कि खुद को एक इस्लामिक देश घोषित करने के बावजूद जिसने अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का वादा किया था, पाकिस्तान में हर अल्पसंख्यक समूह की संख्या में कमी आई है और यहां तक कि कुछ मुस्लिम संप्रदायों का भी सफाया हो गया है।
'शिया', 'मुहाजिरों' और हर दूसरे समूह के खिलाफ हिंसा होती है जिसका आप नाम ले सकते हैं, जिसे मुख्यधारा द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है। जबकि भारत में ऐसा नहीं है यहां हर समुदाय को शिक्षा, व्यवसाय मिल रहा है।
इसके अलावा वित्त मंत्री ने विश्व व्यापार संगठन से और अधिक प्रगतिशील होने की मांग करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि डब्ल्यूटीओ अधिक प्रगतिशील हो सभी देशों को अधिक सुने और अधिक निष्पक्ष हो।
डब्ल्यूएचओ को उन देशों की आवाजों को स्थान देना होगा जिनके पास कहने के लिए कुछ अलग है और न केवल सुनना बल्कि कुछ हद तक ध्यान भी देना होगा।