सचिन वाझे ने कोर्ट में कहा- अनिल देशमुख ने 2 और शिवसेना के मंत्री अनिल परब ने 50 करोड़ मागे थे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 8, 2021 07:08 PM2021-04-08T19:08:05+5:302021-04-08T19:08:53+5:30
विशेष एनआईए न्यायाधीश पी आर सित्रे के सामने पेश किया गया, जिन्होंने सचिन वाझे की हिरासत नौ अप्रैल तक बढ़ा दी।
मुंबईः विशेष एनआईए अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के सिलसिले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से पूछताछ के लिए सीबीआई को मंजूरी प्रदान कर दी।
वहीं वाझे ने देशमुख और शिवसेना के मंत्री अनिल परब के खिलाफ नए आरोप लगाकर सनसनी फैला दी। इस बीच एक संबंधित घटनाक्रम में, मुंबई पुलिस ने राज्य पुलिस विभाग को सौंपी गयी एक रिपोर्ट में कहा कि सचिन वाजे को पिछले साल जून में तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह के जोर देने पर अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) में तैनात किया गया था।
हालांकि तत्कालीन संयुक्त सीपी (अपराध) ने इस पर आपत्ति जतायी थी। वाझे को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन मिलने तथा व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत मामलों में गिरफ्तार किया गया था। वाहन में जिलेटिन की छड़ें रखी थीं। उस समय से ही सुर्खियों में रहे वाजे ने बुधवार को दावा किया कि देशमुख ने मुंबई पुलिस में उनकी सेवाएं जारी रखने के लिए उनसे दो करोड़ रुपये की मांग की थी।
वाझे ने कहा कि परिवहन मंत्री अनिल परब ने 50 करोड़ की मांग की थी। यह भी आरोप लगाया कि राज्य मंत्री परब ने उससे मुंबई के कुछ ठेकेदारों से पैसे एकत्र करने को कहा था। परब ने वाझे के दावे को खारिज कर दिया। पिछले साल पुलिस सेवा में बहाल किए गए वाजे ने एक पत्र में सनसनीखेज दावा किया।
वाझे ने वह पत्र विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश करने का प्रयास किया। लेकन विशेष न्यायाधीश पीआर सित्रे ने उनके पत्र को रिकॉर्ड पर लेने से इनकार कर दिया और उन्हें आवश्यक प्रक्रिया का पालन करने को कहा। वाझे ने चार पृष्ठों के अपने हस्तलिखित पत्र में दावा किया कि उन्हें छह जून 2020 को सेवा में विधिवत बहाल कर दिया गया।
लेकिन कुछ लोग चाहते थे कि उस फैसले को पलट दिया जाए। वाझे ने कहा, ‘‘"जाहिरा तौर पर तब (राकांपा अध्यक्ष) शरद पवार ने मुझे फिर से निलंबन के तहत रखने का आदेश दिया था। उस समय तत्कालीन गृह मंत्री सर (देशमुख) ने भी मुझसे कहा था कि वह पवार साहब को मना लेंगे और इस उद्देश्य के लिए उन्होंने मुझसे दो करोड़ रुपये देने को कहा।’’
वाझे (49) ने कहा, ‘‘मैंने इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने में असमर्थता जताई थी। इस पर, गृह मंत्री सर ने मुझे बाद में भुगतान करने को कहा।’’ वाझे ने अपने पत्र में दावा किया कि जनवरी 2021 में, मंत्री परब ने उन्हें बीएमसी में सूचीबद्ध "फर्जी’’ ठेकेदारों के खिलाफ जांच करने और लगभग 50 ऐसे ठेकेदारों से कम से कम दो करोड़ रुपये वसूल करने को कहा।
शिवसेना नेता परब ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। परब ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मैं शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और मेरी दो बेटियों के नाम पर कसम खाता हूं कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।" उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गठबंधन सरकार की छवि खराब करने के लिए भाजपा की यह रणनीति थी।
सीबीआई मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, निलंबित पुलिसकर्मी वाजे से पूछताछ करेगी
सीबीआई महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के कथित भ्रष्टाचार के मामले की प्रारंभिक जांच के संबंध में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह और निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से पूछताछ करेगी। अधिकारियों ने बताया कि बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच एजेंसी ने देशमुख के खिलाफ रिश्वत के आरोपों की प्रारंभिक जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों की एक टीम मामले में जांच के लिए मुंबई गयी है।
उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास एक एसयूवी से विस्फोटक सामग्री की बरामदगी और बाद में गाड़ी के मालिक मनसुख हिरन की मौत के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने वाजे को 25 मार्च को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने वाजे से पूछताछ के लिए आवश्यक अनुमति हासिल कर ली है और देशमुख के खिलाफ आरोपों के संबंध में विस्तार से पता लगाने के लिए टीम सिंह से भी संपर्क करेगी।