सचिन वाझे के सहयोगी रहे पुलिस अधिकारी रियाज काजी 23 तक न्यायिक हिरासत में, जानें मामला
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 16, 2021 07:53 PM2021-04-16T19:53:42+5:302021-04-16T19:54:50+5:30
मुंबई की एक अदालत ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटक सामग्री से भरी एसयूवी मिलने और इसके बाद ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन की मौत होने के मामले में पुलिस अधिकारी रियाज काजी को 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
मुंबईः मुंबई की एक अदालत ने शुक्रवार को पुलिस अधिकारी रियाज काजी को 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटक सामग्री के साथ र्स्कोपियो मिलने और इसके बाद ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत होने के मामले में एनआईए ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे के सहयोगी रहे काजी को 11 अप्रैल को गिरफ्तार किया था.
काजी को शुक्रवार तक एनआईए की हिरासत में रखा गया और इसकी अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें एक अवकाशकालीन अदालत में पेश किया गया. एनआईए ने काजी की हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध नहीं किया, जिसके बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एनआईए ने आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपी वाझे के साथ काजी भी इस मामले में शामिल है.
काजी सबूत नष्ट करने में लिप्त है. जांच एजेंसी ने पहले कहा था कि एनआईए ने 25 फरवरी को विस्फोटक सामग्री रखा हुआ वाहन मिलने के तुरंत बाद एक समानांतर जांच शुरू की थी और उसने पाया कि आरोपियों ने हिरेन को कथित रूप से मार दिया ताकि वह उनके षड्यंत्र का खुलासा न कर पाए. र्स्कोपियो हिरेन की थी.
जांच एजेंसी ने कहा था कि एनआईए को मामला हस्तांतरित किए जाने के बाद से आरोपियों ने सीपीयू और डीवीआर जैसे सबूत नष्ट करने शुरू कर दिए थे. अंबानी के घर के बाहर र्स्कोपियो मिलने के बाद 5 मार्च को ठाणे में हिरेन का शव मिला था.
इस वाहन से विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बरामद की गई थी. एनआईए ने इस मामले की जांच के संबंध में वाझे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी ने पूर्व पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और क्रिकेट सटोरिए नरेश गोर को भी गिरफ्तार किया था. वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.