Mumbai migrant crisis: कांग्रेस ने कहा रेलवे के पत्र से असमंजस पैदा हुआ, जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई

By भाषा | Published: April 15, 2020 02:56 PM2020-04-15T14:56:19+5:302020-04-15T14:57:47+5:30

coronavirus lockdwon Migrants' protest in Mumbai: मुंबई पुलिस ने ब्रांदा में प्रवासी मजूदरों के जमावड़े के मामले में विनय दुबे और एक टीवी पत्रकार पर एफआईआर दर्ज किया है।

Mumbai migrant crisis Congress said bandra confusion arises due to railway letter, action will be taken against those responsible | Mumbai migrant crisis: कांग्रेस ने कहा रेलवे के पत्र से असमंजस पैदा हुआ, जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई

लोकमत फाइल फोटो

Highlightsमुंबई में मंगलवार को बांद्रा में हजारों प्रवासी मजदूर सड़क पर उतर आए थे, मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर इन लोगों को तितर-बितर कर दिया है। यह अफवाह फैल गई थी कि लॉकडाउन खत्म होने के ट्रेनें शुरू हो रही हैं, इसलिए ये मजदूर जल्द से जल्द अपने गांव पहुंचने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो गए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण ने मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर भीड़ एकत्र होने की घटना को लेकर बुधवार को कहा कि रेल विभाग के एक पत्र के कारण असंमजस की स्थिति पैदा हुई। चव्हाण ने कहा, इस मामले की जांच के बाद जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने यह पत्र दिखाते हुए यह भी कहा कि वह रेल मंत्री अथवा मंत्रालय को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं, लेकिन इसमें लापरवाही जरूर दिख रही है। 

चव्हाण ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ''13 अप्रैल को दक्षिण मध्य रेलवे रेलवे के एक अधिकारी के हस्ताक्षर से पत्र जारी किया गया कि 14 अप्रैल से प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन चलेगी। यह रेलवे की लापरवाही का ज्वलंत उदाहरण है।'' उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये अफवाहें फैलाने जाने का जिक्र किया और कहा कि सामाजिक सौहार्द खराब करने और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को बाधित करने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उनके मुताबिक राज्य सरकार की भूमिका स्पष्ट है। इस मामले की विस्तृत जांच और कार्रवाई होगी।

चव्हाण ने सवाल किया, ''सोशल मीडिया में चर्चा की जा रही है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगेगा। इसके पीछे कौन है?'' महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहब थोराट ने कहा कि स्टेशन पर जो भीड़ जमा हुई थी उसमें किसी एक समुदाय के लोग नहीं, बल्कि सभी समुदाय के लोग शामिल थे। 

कोरोना के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार के कदमों का उल्लेख करते हुए थोराट ने कहा, ''महाराष्ट्र में सरकार ने 10 मार्च से ही कदम उठाना शुरू कर दिया था। हम कोरोना के खिलाफ अलर्ट हो गए थे। लॉकडाउन के बाद लोगों को जरूरी सेवा मुहैया कराने का काम किया है। जरूरतमंद लोगों की मदद पर पूरा ध्यान दिया गया है।" 

उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना के करीब 2700 मरीज हैं इनमें से ज्यादातर शहरी इलाकों में हैं। थोराट ने कहा, ''महाराष्ट्र में 10 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना का एक भी मरीज नहीं है।'' आशोक चव्हाण ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री राहत कोष को भी सीएसआर के तहत लाना चाहिए ताकि राज्यों को मदद मिल सके।

Web Title: Mumbai migrant crisis Congress said bandra confusion arises due to railway letter, action will be taken against those responsible

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