'किताब उत्सव' में कई पुस्तकों पर बातचीत, विश्वास पाटिल ने कहा- शिवाजी महाराज के किरदार को एक मनुष्य के रूप में समझने की जरूरत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 22, 2023 08:20 PM2023-03-22T20:20:45+5:302023-03-22T20:22:02+5:30

राजकमल प्रकाशन द्वारा अपनी स्थापना के 75वें वर्ष देश के विभिन्न शहरों में 'किताब उत्सव' का आयोजन किया जा रहा है।

mumbai 'Kitab Utsav' rajkamal Vishwas Patil said Need to understand character Shivaji Maharaj human being | 'किताब उत्सव' में कई पुस्तकों पर बातचीत, विश्वास पाटिल ने कहा- शिवाजी महाराज के किरदार को एक मनुष्य के रूप में समझने की जरूरत

मुम्बई में 'किताब उत्सव' का आयोजन इस यात्रा का पांचवा पड़ाव है।

Highlightsभोपाल, बनारस, पटना और चंडीगढ़ में 'किताब उत्सव' का सफल आयोजन हो चुका है।मुम्बई में 'किताब उत्सव' का आयोजन इस यात्रा का पांचवा पड़ाव है।युनूस खान ने शैलजा पाठक से उनकी रचना प्रक्रिया और लेखन की बारीकियों पर लंबी चर्चा की।

मुंबईः वर्ली के नेहरू सेंटर में चल रहे राजकमल प्रकाशन के 'किताब उत्सव' के चौथे दिन कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में अलग-अलग विधाओं की कई पुस्तकों पर बातचीत हुई। कार्यक्रम के पहले सत्र में सर ऑर्थर कॉनन डायल की शरलॉक होम्स सीरीज की कहानियों के संग्रह 'नाचती आकृतियाँ' के अनुवादक संजीव निगम से रवीन्द्र कात्यायन ने बातचीत की।

इस दौरान संजीव निगम ने कहा कि "सर ऑर्थर कॉनन डायल से ज्यादा ख्याति उनके द्वारा रचे गए एक किरदार शरलॉक होम्स को मिली और यही एक रचनाकार की सफलता है।" आगे उन्होंने अपने अनुवाद पर बात करते हुए कहा कि "जब मैं इन कहानियों का अनुवाद कर रहा था तो मैंने उसके सारे किरदारों, जगहों आदि के नाम वही रखे जो मूल कहानियों में थे।

इससे अनुवाद बनावटी नहीं लगता और उसका ठीक वहीं भाव निकलता है जो मूल रचना में होता है।" अगले सत्र में ममता सिंह के कहानी संग्रह 'किरकिरी' का लोकार्पण असग़र वजाहत ने किया। इसके बाद सत्य व्यास ने उनसे किताब पर बातचीत की। इस दौरान सत्य व्यास ने किताब और लेखन से जुड़े कई सवाल किए जिनके जवाब ममता सिंह ने दिए।

अपनी रचना प्रक्रिया पर बात करते हुए ममता सिंह ने कहा कि "पहले मैं एक कथानक बुनती हूँ, फिर पात्र गढ़ती हूँ। अपने इर्द-गिर्द ही पात्र दिखते हैं। उनसे भी कथानक बनते हैं। दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।" आगे उन्होंने कहा "आधी रात को नींद खुलती है और कहानी लिखने लगती हूँ। दो पेज लिखते लिखते याद आता है कि सुबह नौकरी की शिफ्ट है। फिर लिखना बंद कर देती हूं।

समय चुराना पड़ता है लिखने के लिए। लेकिन परिवार और नौकरी में रहते हुए ऐसे ही सम्भव हो पाता है। दस कामों में उलझे रहते हुए भी कहानी के प्लॉट पर काम चलता रहता है।" बातचीत के दौरान उन्होंने 'किरकिरी' कहानी संग्रह में संकलित कहानियों को लिखने के अपने अनुभव साझा किए। सत्र के आखिर में उन्होंने अपनी किताब के कुछ अंश पढ़कर श्रोताओं को सुनाए। 

इसके बाद बहुचर्चित शीना बोरा हत्याकांड पर आधारित संजय सिंह की किताब 'एक थी शीना बोरा' पर विवेक अग्रवाल ने उनसे बातचीत की। सत्र के आरंभ में पंकज कुमार ने किताब के एक हिस्से का अंशपाठ किया। फिर विवेक अग्रवाल ने संजय सिंह से शीना बोरा केस के कई अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा की।

इस दौरान संजय सिंह ने कहा कि "सच्चाई पुलिस की चार्जशीट में नहीं होती, प्रेस क्लब की गॉसिप में भी नहीं होती। उससे अलग कहीं होती है। इसीलिए शीना बोरा मर्डर केस को समझने के लिए मुझे 16000 पन्नों और कई किताबों को पढ़ना पड़ा।" संजय सिंह पेशे से एक खोजी पत्रकार हैं और उन्होंने शीना बोरा केस पर लंबी रिसर्च के बाद इस किताब को लिखा है।

यह किताब शीना बोरा हत्याकांड से जुड़ी कई अधखुली परतों को खोलते हुए उस पर गंभीरता से बात करती है। कार्यक्रम के अगले सत्र में प्रदीप अवस्थी के उपन्यास 'मृत्यु और हँसी' का लोकार्पण हुआ। यह उपन्यास प्यार की एक पीड़ादायी कथा है जो एक आधुनिक महानगरीय परिवार और समाज की कहानी कहता है।

यह वयस्कों की कामनाओं के बीच डोलते अबोध बच्चों की मन:स्थिति को बड़ी संवेदना के साथ छूता है। उपन्यास के लोकार्पण के बाद इसके संदर्भ में इला जोशी ने लेखक से 'दायरों के आर-पार सम्बन्ध' विषय पर बातचीत की। इस दौरान प्रदीप अवस्थी ने कहा कि "मौजूदा समय में समाज को संवेदनशील लड़कों की बहुत जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि यह उपन्यास लड़कों में कुछ संवेदनशीलता पैदा करेगा।"

अगले सत्र में विश्वास पाटील के महासम्राट उपन्यास शृंखला के पहले खण्ड 'झंझावात' पर रवि बुले ने उनसे बातचीत की। महासम्राट उपन्यास शृंखला छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व पर आधारित है और मराठी भाषा में इसकी हजारों प्रतियों की बिक्री हुई है। हिंदी में इस उपन्यास का अनुवाद रवि बुले ने किया है।

बातचीत के दौरान विश्वास पाटिल ने कहा कि "हमें छत्रपति शिवाजी महाराज को एक इंसान के रूप में देखते हुए समझने की जरूरत है। वे मराठा राज्य के रहने वाले थे लेकिन उनको पूरे भारतवर्ष का नेतृत्व किया।" आगे उन्होंने कहा कि "शिवाजी महाराज का जन्म सह्याद्रि में हुआ था लेकिन उनका व्यक्तित्व हिमालय से भी ऊँचा हैं।" 

कार्यक्रम के आखिरी सत्र में शैलजा पाठक की किताब 'पूरब की बेटियाँ' पर युनूस खान ने उनसे बातचीत की। यह किताब शैलजा पाठक की पहली कथेतर कृति है। इसमें प्रेम की बारीकियों और उसके छूटने की पीड़ा का बहुत सुंदर आख्यान है। यह अपने किरदार को समझने और स्त्री-मन को महसूसने के लिए पढ़ी जाने वाली एक बेहद संवेदनात्मक स्मृति-कथा है।

बातचीत के दौरान शैलजा पाठक ने कहा कि "यह किताब एक माँ-बेटी के अंतर्संबंधों की कहानी है। यह एक ऊन के धागे की तरह है जिसका एक सिरा माँ के हाथ में है और दूसरा बेटी के।" आगे उन्होंने कहा कि "मेरी स्मृतियां बेहद सुंदर रही है और बार-बार उनमें लौट जाने का मन करता है। मेरी स्मृतियों का मुझ पर प्रभाव पड़ा है।" बातचीत में आगे युनूस खान ने शैलजा पाठक से उनकी रचना प्रक्रिया और लेखन की बारीकियों पर लंबी चर्चा की।

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