मुंबई की हाउसिंग सोसाइटी में 390 लोगों को कोरोना टीका के नाम पर लगा दिया कुछ और? ठगी का आरोप, जानें पूरा मामला

By विनीत कुमार | Published: June 16, 2021 10:09 AM2021-06-16T10:09:50+5:302021-06-16T10:10:20+5:30

मुंबई की एक हाउसिंग सोसाइटी में कोरोना टीका के नाम पर कथित तौर पर ठगी की बात सामने आई है। हालांकि अभी पूरा मामला जांच के दायरे में है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

Mumbai Housing society residents allege fake Covid-19 shots police investigation starts | मुंबई की हाउसिंग सोसाइटी में 390 लोगों को कोरोना टीका के नाम पर लगा दिया कुछ और? ठगी का आरोप, जानें पूरा मामला

मुंबई की हाउसिंग सोसाइटी में कोरोना टीकाकरण के नाम पर ठगी

Highlightsमुंबई के हीरानंदानी हेरिटेज रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन नाम की सोसाइटी में लोगों को नकली टीका देने का आरोपसोसाइटी में 30 मई को कुछ लोगों ने खुद को एक बड़े अस्पताल का प्रतिनिधि बताकर कैम्प लगाया था390 लोगों को दिया गया टीका, प्रति डोज वसूले गए 1260 रुपये, पुलिस ने शुरू की मामले की जांच

मुंबई: कोरोना से जंग के बीच देशभर में टीकाकरण का अभियान जारी है। इस बीच मुंबई के कांदिवली के एक हाउसिंग सोसाइटी के लोगों ने आरोप लगाया है कि वे बड़े 'टीकाकरण घोटाले' का शिकार हुए हैं। इनका आरोप है कि उन्हें जो टीका लगाया गया वह नकली हो सकता है। पूरा मामला हीरानंदानी हेरिटेज रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन नाम की सोसाइटी का है और इसकी जांच की मांग की गई है।

कोरोना टीकाकरण में धोखाधड़ी का आरोप

दरअसल, टीकाकरण के लिए सोसाइटी में 30 मई को कैम्प लगाया गया था। इस दौरान 390 लोगों को कोविशील्ड की डोज दी गई। यहां रहने वाले लोगों के अनुसार राजेश पांडेय नाम के एक शख्स के माध्यम से शिविर का ये आयोजन किया गया था। राजेश पांडेय ने खुद के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल का प्रतिनिधि होने का दावा किया था।

टीकाकरण संजय गुप्ता नाम के शख्स द्वारा किया गया वहीं महेंद्र सिंह नाम के एक तीसरे शख्स ने सोसाइटी के सदस्यों से पैसे इकट्ठा करने का काम किया। लोगों के अनुसार हर डोज के लिए 1260 रुपये दिए गए। हालांकि वैक्सीन लगने के बाद लोगों को मोबाइल पर मैसेज नहीं आया। 

वहीं, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार सोसाइटी में रहने वाले हितेश पटेल के अनुसार लोगों को वैक्सीन लेते समय फोटो या सेल्फी भी लेने की इजाजत नहीं थी। बहरहाल प्रति डोज 1260 रुपये के हिसाब से सोसाइटी ने करीब 5 लाख रुपये दिए। टीकाकरण को लेकर संदेह उस समय ज्यादा पैदा हुआ जब किसी में भी टीके के बाद आने वाले मामूली बुखार आदि के लक्षण नहीं आए। 

कोरोना टीका लगाने के 10-15 दिन बाद मिला सर्टिफिकेट

सोसाइटी के एक सदस्य रिषभ कामदार के अनुसार, 'हम ये देखकर हैरान थे कि किसी को कोई साइडइफेक्ट नहीं हुआ। हम हैरत में थे कि क्या चल रहा है क्योंकि कोई सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया था। हमें 10-15 दिन बार सर्टिफिकेट मिला।'

हालांकि ये सर्टिफिकेट भी अलग-अलग अस्पतालों के नाम से हैं। इस वजह से संदेह और बढ़ गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार जिन अस्पतालों के नाम से सर्टिफिकेट मिला है, उनमें से कुछ ने इस बात से साफ इनकार किया है कि उनकी ओर से कोई कैंप सोसाइटी में लगाया गया था।

बहरहाल, पूरे मामले पर मुबई पुलिस का कहना है कि वह जांच कर रही है। मुंबई पुलिस ने कहा है कि सभी अस्पतालों के अधिकारियों और सोसाइटी के सदस्यों से भी पूछताछ की जाएगी। बता दें कि बीएमसी के अनुसार, मुंबई में अब तक 41,11,880 लोगों को टीका लगाया जा चुका है, जिनमें 8,24,428 वे लोग शामिल हैं, जिन्हें दोनों खुराक मिल चुकी हैं।

Web Title: Mumbai Housing society residents allege fake Covid-19 shots police investigation starts

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