मुंबई की इस फुटबॉलर को पीएम मोदी ने 2017 में किया था सम्मानित, अब परिवार संग फुटपाथ पर रहने को मजबूर
By एएनआई | Published: December 28, 2019 11:36 AM2019-12-28T11:36:13+5:302019-12-28T11:37:12+5:30
मैरी नायडू 16 साल की थीं, जब उन्हें नई दिल्ली में प्रधानमंत्री द्वारा केंद्र के मिशन 11 मिलियन प्रोग्राम के तहत सम्मानित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 2017 सम्मानित की जा चुकी मुंबई की 18 साल की फुटबॉलर मैरी नायडू अब बिना घर-बार के फुटपाथ पर तकलीफदेह जिंदगी गुजारने को मजबूर है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार मैरी नायडू 16 साल की थीं, जब उन्हें नई दिल्ली में प्रधानमंत्री द्वारा केंद्र के मिशन 11 मिलियन प्रोग्राम के तहत सम्मानित किया गया था। फुटबॉलर ने बताया कि वह 2010 तक पक्के मकान में रह रहीं थीं लेकिन उनका घर ध्वस्त अब कर दिया गया है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने उनके परिवार को एक छोटी सी झोंपड़ी में रहने के लिए मजबूर किया।
मैरी नायडू ने बताया, 'मोदी जी से मिलने के बाद, हर किसी ने कहा कि वे हमारी मदद करेंगे, लेकिन सालों बीत गए, हमारी किसी ने मदद नहीं की। हमें एक घर की आवश्यकता है। मुझे अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ेगी।'
मैरी का सपना एक दिन भारत का फुटबॉल में प्रतिनिधित्व करने का है। वह अपने माता-पिता और दो छोटी बहनों के साथ फुटपाथ पर गरीबी की जिंदगी काट रही हैं। उनकी सभी चीजें फुटपाथ पर बनी अस्थायी झोपड़ी के अंदर पड़ी हैं। इसे इनके पिता ने बनाया था। मैरी के पिता प्रकाश नायडू बीएमसी में अस्थायी सफाई कर्मी हैं। वहीं, उनकी मां बबिता नायडू गृहिणी हैं।
मैरी के पिता बताते हैं उनके परिवार को एक घर की जरूरत है और उनके बच्चो को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। मैरी को दिल्ली में सम्मानित किए जान के बाद, उनके स्कूल ने उन्हें 25,000 हजार रुपये से पुरस्कृत किया गया था। उन्हें स्थानीय कोरपोरेटर और विधायक की तरफ से आर्थिक सहायता मिली थी।
मैरी आशा करती हैं उनके पास रहने के लिए एक स्थायी घर होगा और एक दिन उन्हें भारतीय टीम का फुटबॉल में प्रतिनिधित्व करने का मौका भी मिलेगा।