कोविड से लड़ने के लिए मिलेंगे और 5200 डॉक्टर, 15000 नर्स अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को इंटर्नशिप
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 5, 2021 09:53 PM2021-04-05T21:53:56+5:302021-04-05T21:55:18+5:30
चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने बताया कि राज्य में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष की परीक्षा आगामी 20 अप्रैल को समाप्त हो रही है.
मुंबईः कोविड महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के भारी उभार से जूझ रहे राज्य को जल्द ही 5,200 चिकित्सा अधिकारी और 15,000 नर्स उपलब्ध हो जाएंगी.
राज्य सरकार के इस फैसले की वजह से कोविड मरीजों को संभालने में काफी मदद होगी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख ने बताया कि राज्य में एमबीबीएस के अंतिम वर्ष की परीक्षा आगामी 20 अप्रैल को समाप्त हो रही है. इस परीक्षा का नतीजा जल्द से जल्द घोषित करके एमबीबीएस उत्तीर्ण करनेवाले छात्रों की सेवा इंटर्नशिप के लिए उपलब्ध करवा दी जाएगी.
इसी तरह राज्य के विभिन्न नर्सिंग कॉलेज में जीएनएम और एएनएम पाठ्यक्रम और इंटर्नशिप पूरा करने वाली 15 हजार नर्सों का रजिस्ट्रेशन का काम तत्काल पूरा करके उनकी सेवा उपलब्ध करवा दी जाएगी. इन नर्सों की सेवा को जिलावार कांट्रेक्ट के आधार पर उपलब्ध करवाई जाएगी. राज्य के विभिन्न जिलों के शहरी भागों में कोविड संक्रमण से निपटने के लिए चिकित्सा क्षेत्र को मानव संसाधन की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
लोग सुनिश्चित करें कि कोविड की तीसरी लहर न आए
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुंसधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता और यह लोगों को सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा नहीं हो. केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले इस प्रतिष्ठित संस्थान के प्रमुख ने कल रात को संवाददाताओं से ऑनलाइन बात करते हुए कहा कि लोगों को स्व अनुशासन और स्व नियंत्रण का पालन करना होगा और बीमारी को हराने का रास्ता दिखाना होगा.
मांडे ने कहा, ''दुनिया की सभी महामारी लहरों के रूप में आई है. इस समय हम कुछ यूरोपीय देशों में महामारी की तीसरी लहर देख रहे हैं, इसलिए तीसरी लहर (भारत में) की आशंका को खारिज नहीं कर सकते हैं.'' एक सवाल के जवाब में सीएसआईआर के महानिदेशक ने कहा कि महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में दोबारा संक्रमण के मामले सामने आए हैं, लेकिन उनकी संख्या कम है और इसलिए इस मामले पर सामान्य बयान देना संभव नहीं है.
उन्होंने कहा, ''लाखों संक्रमितों में दोबारा संक्रमण के मामलों की संख्या 100 या 1000 है, इसलिए इस स्तर पर दोबारा संक्रमण होने के मामले पर सामान्यीकरण वाला बयान देना मुश्किल होगा.'' मांडे ने कहा, ''एक समाज के रूप में है, हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अनुशासित और व्यवस्थित रहेंगे.''