अनिल देशमुख प्रकरण पर कांग्रेस में खुल कर बोलने को लेकर असमंजस, जानें मामला
By शीलेष शर्मा | Published: March 23, 2021 08:39 PM2021-03-23T20:39:12+5:302021-03-23T20:40:48+5:30
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस विवाद को लेकर पशोपेश में है कि वह ठाकरे और पवार पर कोई दबाव बनाये।
नई दिल्लीः महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख को लेकर राज्य में घमासान पर कांग्रेस ने राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राकांपा नेता शरद पवार को फ़ैसला लेकर विवाद को निपटाने की अपनी राय से से वाकिफ़ करा दिया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस विवाद को लेकर पशोपेश में है कि वह ठाकरे और पवार पर कोई दबाव बनाये। पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि पार्टी के पशोपेश में होने का बड़ा कारण राज्य के कांग्रेस नेताओं की राय अलग अलग है।
सरकार में शामिल कांग्रेस के अधिकांश मंत्री मान रहे हैं कि अनिल देशमुख को लेकर जो आरोप लगाये जा रहे हैं उससे सरकार में शामिल तीनों दलों की छवि खराब हो रही है और भाजपा इस प्रकरण को हवा दे कर इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने में जुटी है।
कांग्रेस के राज्य सरकार में शामिल कैबिनेट मंत्री ने टिप्पणी की कि इस मामले में तुरत फ़ैसला लेने की ज़रूरत है, इस मंत्री ने पार्टी संघटन मामलों के महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाक़ात कर राज्य के कांग्रेस नेताओं की राय से भी उनको अवगत करा दिया ताकि राहुल तक यह राय पहुँच सके।
सरकार में शामिल कांग्रेस के कुछ मंत्रियों की राय थी की अनिल देशमुख से त्यागपत्र दिलवाया जाये अथवा उनका विभाग बदला जाये ,लेकिन राकांपा नेता शरद पवार इसके लिये तैयार नहीं हैं ,वह लगातार देशमुख का बचाव कर रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों से मिली ख़बरों के अनुसार पवार की दलील है कि भाजपा के दवाब में कोई कार्यवाही करना बड़ी गलती होगी।
चूँकि राहुल गाँधी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं अतः उनकी गैर मौजूदगी में कांग्रेस कोई बड़ा वयान देने से बच रही ,बाबजूद इसके कांग्रेस मानती है कि इस पूरे प्रकरण के पीछे भाजपा का षड्यंत्र है। पार्टी की इस सोच का खुलासा संसद में पार्टी के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू पहले ही कर चुके हैं। इधर शिवसेना और राकांपा मिल कर मंथन कर रहे हैं कि भाजपा के षड्यंत्र को कैसे विफ़ल किया जाये।