लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'नरेन्द्र मोदी दोबारा पीएम बनें'

By विकास कुमार | Published: February 13, 2019 04:00 PM2019-02-13T16:00:05+5:302019-02-13T16:28:49+5:30

लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनना चाहिए. पिछले कुछ समय से मुलायम सिंह यादव पार्टी में हाशिये पर चल रहे हैं और ऐसा माना जा रहा है कि सपा-बसपा गठबंधन पर भी उनकी सहमती नहीं थी.

Mulayam Singh Yadav said Narendra Modi should make pm again | लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'नरेन्द्र मोदी दोबारा पीएम बनें'

लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'नरेन्द्र मोदी दोबारा पीएम बनें'

लोकसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनना चाहिए. पिछले कुछ समय से मुलायम सिंह यादव पार्टी में हाशिये पर चल रहे हैं और ऐसा माना जा रहा है कि सपा-बसपा गठबंधन पर भी उनकी सहमती नहीं थी. शिवपाल यादव ने अलग पार्टी बनाया है और ऐसा लग रहा था कि उन्होंने अपनी पार्टी का गठन बीजेपी को समर्थन देने के लिए बनायी थी. उनका ये बयान अखिलेश यादव और तमाम विपक्षी पार्टियों के लिए गहरा धक्का है. 



 

हाल ही में उत्तर प्रदेश की राजनीति में लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को घेरने के लिए सपा और बसपा का गठबंधन हुआ है. अखिलेश यादव से लेकर समाजवादी पार्टी के तमाम कार्यकर्ता और नेता इस गठबंधन से बहुत पुलकित नजर आ रहे हैं और इसे भारतीय जनता पार्टी के लिए सबसे बड़े चुनौती के रूप में पेश किया जा रहा है. बीजेपी की विधायक साधना सिंह के मायावती को लेकर किए गए आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद बसपा से ज्यादा सपा के कार्यकर्ताओं में रोष देखा गया और नारा गढ़ा गया कि 'मायावती के सम्मान में सपा मैदान में.' 

सपा के नेता और कार्यकर्ताओं में मायावती को लेकर दिख रहा यह ह्रदय परिवर्तन अप्रत्याशित है. लेकिन इस बीच नेता जी और समाजवादी पार्टी के एक्स सीईओ मुलायम सिंह यादव का मायावती और अखिलेश के गठबंधन के बाद से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. ऐसे में सवाल उठाना लाजिमी है कि क्या समाजवादी पार्टी के सारे फैसले अब अखिलेश यादव ही कर रहे हैं या उसमें नेता जी की भी सहमती है? क्या मुलायम इस गठबंधन के पक्ष में थे या बिना उनकी सहमती के ही इस गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया?

कहां हैं 'नेता जी' 

मुलायम सिंह यादव पिछले कुछ समय से पार्टी में हाशिये पर खड़े पर दिख रहे हैं. जिस पार्टी को उन्होंने गाँव-गाँव घूमकर तैयार किया था और प्रदेश में समाजवाद की ऐसी लहर तैयार की जिसने भाजपा और कांग्रेस को प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर धकेल दिया, आज वो खुद पार्टी में हो रहे फैसलों पर एक सन्नाटे की चादर ओढ़े नजर आते हैं. क्या मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश को पार्टी के तमाम फैसले लेने की मौन सहमती दे दी ही या उनके राजनीतिक निर्णयों में मुलायम की दखलंदाजी का कोई स्थान नहीं रह गया है. 

शिवपाल दे चुके हैं न्योता 

अखिलेश ब्रिगेड से नजरअंदाज किए जाने के बाद शिवपाल यादव ने एक नई राजनीतिक पार्टी बनायी है जिसका नाम प्रगतिशील समाजवादी दल(लोहिया) है. शिवपाल ने नेता जी को पानी पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ने का न्योता भी दे दिया है. हाल ही में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि पार्टी बनाने से पहले उन्होंने मुलायम सिंह यादव से राय-विमर्श किया था और उसके बाद ही यह फैसला लिया. क्या मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद इस बार अखिलेश की जगह शिवपाल को मिलने वाला है? लेकिन शिवपाल ने यह भी साफ कर दिया था कि अगर नेता जी सपा से चुनाव लड़ते हैं तो उनके खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. इसका मतलब है कि मुलायम सिंह यादव यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि भाई और बेटे में से किसका साथ दिया जाए?

रामगोपाल यादव और अखिलेश यादव का साथ 

अखिलेश यादव इन दिनों पार्टी के हित को ध्यान में रखकर तमाम फैसले ले रहे हैं, जिसमें उन्हें अपने चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. शिवपाल यादव को ठिकाने लगाने के बाद और पार्टी की कमान अखिलेश और रामगोपाल ही संभाल रहे हैं. क्या मुलायम सिंह यादव ऐसे में या तो मार्गदर्शक मंडल की भूमिका में निभा रहे हैं या दर्शक दीर्घा से प्रदेश में चल रहे राजनीतिक मैच का नजारा देख रहे हैं या देखने को मजबूर हैं? लेकिन इतना तो तय है कि मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक वनवास से पार्टी के एक धड़े में उहापोह की स्थिति बनती हुई दिख रही थी, लेकिन अब उनके इस बयान ने स्थिति स्पष्ट कर दी है.
 

Web Title: Mulayam Singh Yadav said Narendra Modi should make pm again

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