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मुख्तार अंसारी न्यायिक व्यवस्था को चकमा दे रहा है : उत्तर प्रदेश ने न्यायालय से कहा

By भाषा | Updated: March 3, 2021 21:08 IST

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नयी दिल्ली, तीन मार्च उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि अपराधी से नेता बना मुख्तार अंसारी न्यायिक व्यवस्था को ‘‘चकमा’’ दे रहा है और पंजाब में रूपनगर जिला जेल से कथित तौर पर अवैध गतिविधियां चला रहा है।

उत्तर प्रदेश ने शीर्ष अदालत में आरोप लगाया कि अंसारी और पंजाब पुलिस के बीच ‘‘मिलीभगत’’ है। वहीं, पंजाब सरकार ने इन दावों को खारिज किया और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल याचिका के औचित्य पर सवाल उठाया।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें पंजाब सरकार और रूपनगर जेल प्रशासन को मऊ के विधायक अंसारी को तुरंत जिला जेल बांदा के हवाले करने का अनुरोध किया गया है।

उत्तर प्रदेश की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि राज्य में अंसारी के खिलाफ कई मामले लंबित हैं और 2019 में उसके खिलाफ पंजाब में कथित उगाही के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी।

उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने मामले में अब तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया और जांच जारी है।

मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘वह (अंसारी) न्यायिक व्यवस्था को चकमा दे रहा है।’’ साथ ही जोड़ा कि उसने चिकित्सा प्रमाणपत्र का जुगाड़ किया जिसमें कहा गया कि यात्रा करने की अनुमति नहीं है लेकिन अंसारी दूसरी अदालतों की सुनवाई में शामिल हुआ।

मेहता ने कहा, ‘‘उसने समूची न्यायिक व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र का इस्तेमाल किया और उसका मजाक बनाया।’’

पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने उत्तर प्रदेश द्वारा दाखिल याचिका के औचित्य पर सवाल उठाया।

दवे ने कहा, ‘‘मुख्तार अंसारी के साथ हमारा कोई लेना-देना नहीं है। अगर वह अपराधी है तो अपराधी है। सवाल यह है कि क्या एक राज्य ऐसी परिस्थिति में इस अदालत में दूसरे राज्य के खिलाफ रिट याचिका दाखिल कर सकता है जैसा कि इस मामले में उत्तर प्रदेश ने किया।’’

उन्होंने पत्रकार सिद्दीक कप्पन के मामले का हवाला दिया जिन्हें हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था। दवे ने कहा, ‘‘क्या कल केरल उच्चतम न्यायालय का रुख करेगा और कहेगा कि वह (कप्पन) केरल के हैं इसलिए उन्हें उत्तर प्रदेश से केरल स्थानांतरित कर देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में पंजाब की कोई भूमिका नहीं है। रिट याचिका विचार योग्य नहीं है और इस पर विचार नहीं करना चाहिए।’’

न्यायालय ने अंसारी द्वारा दाखिल एक और याचिका पर सुनवाई की जिसमें उसने उत्तर प्रदेश में अपने खिलाफ लंबित मामलों को दिल्ली में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।

अंसारी की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधायक ने उत्तरप्रदेश में अपने खिलाफ लंबित मामलों को दिल्ली में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में अंसारी की जान को खतरा है क्योंकि एक सह-आरोपी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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