IOE का दर्जा पाने के लिए प्रस्ताव भेजने वाले 4 संस्थानों की फाइल UGC से लापता, Jio इंस्टीट्यूट समेत 6 को मिला था टैग

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 31, 2018 03:10 PM2018-08-31T15:10:46+5:302018-08-31T15:11:34+5:30

मुकेश अंबानी की कंपनी से जुड़े रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट समेत कुल 11 प्रस्तावित संस्थानों ने ग्रीनफील्ड कैटेगरी के तहत आईओई का दर्जा पाने के लिए आवेदन भेजा था।

mukesh abmani jio institute 4 competitors in institute of of eminence race proposals missing from ugc mhrd | IOE का दर्जा पाने के लिए प्रस्ताव भेजने वाले 4 संस्थानों की फाइल UGC से लापता, Jio इंस्टीट्यूट समेत 6 को मिला था टैग

पीएम नरेंद्र मोदी (बाएँ) और रिलायंस समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, 31 अगस्त: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) के ग्रीनफील्ड कैटेगरी में इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (आईओई) का दर्जा पाने के लिए आवेदन भेजने वाले चार संस्थानों का प्रस्ताव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नई दिल्ली  स्थित मुख्यालय से गायब हैं। 

द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार यूजीसी के दफ्तर से भारती एयरटेल लिमिटेड के सत्या भारती फाउंडेशन, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद और महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक, पुणे और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, गांधी नगर द्वारा मंत्रालय को भेजे गये आवेदन की फाइल गायब है।

ग्रीनफील्ड कैटेगरी में नरेंद्र मोदी सरकार ने उन संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस (आईओई) का दर्जा दिया है जो अभी भविष्य में बनाए जाने थे।

नरेंद्र मोदी सरकार ने रिलायंस फाउंडेशन द्वारा प्रस्तावित जियो इंस्टीट्यूट को इसी श्रेणी में आईओई का दर्जा दिया था।

द प्रिंट ने यूजीसी से सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत इन प्रस्तावित संस्थानों की तरफ भेजे गये आवेदन की प्रति माँगी थी।

बस 4 फाइलें गायब हैं, बाकी 7 हैं मौजूद

रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी की कंपनी से जुड़े रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट समेत कुल 11 प्रस्तावित संस्थानों ने ग्रीनफील्ड कैटेगरी के तहत आईओई का दर्जा पाने के लिए आवेदन भेजा था।

मानव संसाधन मंत्रालय की अधिकार-प्राप्त कमेटी ने तीन सरकारी और तीन प्राइवेट कुल छह संस्थानों को आईओई का दर्जा देने के लिये चुना था।

रिपोर्ट के अनुसार बाकी सभी सात आवेदनकर्ताओं की फाइलें यूजीसी के पास मौजूद हैं लेकिन इन चार संस्थानों की फाइलें गायब हैं। 

केंद्र सरकार ने सरकारी संस्थानों में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी, दिल्ली और आईआईएससी, बेंगलुरु को आईओई का दर्जा दिया था।

प्राइवेट संस्थानों में सरकार ने बिट्स पिलानी, मनीपाल यूनिवर्सिटी और जियो यूनिवर्सिटी को आईओई का दर्जा दिया था।

केंद्र सरकार के अनुसार आईओई का दर्जा पाने वाले प्राइवेट संस्थानों को ज्यादा अकादमिक स्वायत्तता और स्वतंत्र रूप से वित्तीय निवेश आकर्षिक करने की छूट दी जाएगी।

भारत सरकार विश्व-स्तरीय संस्थानों बनाने की कोशिशों को बढ़ावा देने चाहती है जिसके तहत आईओई संस्थानों को केंद्र सरकार की तरफ से विशेष मदद भी दी जाएगी।

अरुण जेटली के मंत्रालय का एतराज

एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रिलायंस फाउंडेशन के जियो इंस्टीट्यूट को आईओई का दर्जा देने पर केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय में मतभेद था।

इंडियन एक्सप्रेस ने आरटीआई के तहत प्राप्त  सूचना के आधार पर दावा किया कि स्थापना से पहले किसी संस्थान को आईओई का दर्जा देने से शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट होगी। 

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने अपनी आपत्ति में कहा था कि अगर स्थापना से पहले ही इस संस्थान को आईओई का दर्जा दिया जाएगा तो उसे पहले से मौजूद सरकारी और प्राइवेट संस्थानों पर बढ़ मिल जाएगी और यह उचित नहीं होगा।

हालांकि मानव संसाधन मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय की आपत्ति को दरकिनार रखते हुए जियो इंस्टीट्यू को आईओई का दर्जा दिया था। रिपोर्ट में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के हस्तक्षेप के बाद एचआरडी ने अंतिम फैसला किया था। 

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