एमपीलैड को दो वर्ष के लिए निलंबित करने से पहले सांसदों से संपर्क नहीं किया गया: सरकार
By भाषा | Published: September 16, 2020 07:40 PM2020-09-16T19:40:33+5:302020-09-16T21:51:14+5:30
सरकार वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी प्रयास कर रही है और इसके लिए सभी उपलब्ध भौतिक, वित्तीय, चिकित्सा प्रौद्योगिकी और अन्य संसाधनों की पूलिंग की आवश्यकता है।
नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि कोरोना वायरस महामारी की चुनौती से सामना करने के प्रयासों के तहत एमपीलैड निधि को दो वर्ष के लिए निलंबित करने का निर्णय लेने से पहले संसद सदस्यों से संपर्क नहीं किया गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री तथा योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में तालारी रंगैया के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
प्रश्न पूछा गया था कि क्या सरकार ने एमपीलैड के निलंबन से पहले संसद सदस्यों से संपर्क किया गया था? इसके उत्तर में सिंह ने कहा, ‘‘जी नहीं। सरकार वैश्विक महामारी कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी प्रयास कर रही है और इसके लिए सभी उपलब्ध भौतिक, वित्तीय, चिकित्सा प्रौद्योगिकी और अन्य संसाधनों की पूलिंग की आवश्यकता है।
इसी अनुसार सरकार ने संसद सदस्यों की स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) निधि को दो वर्षों, 2020-21 तथा 2021-22 के दौरान संचालित नहीं करने का निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा कि 2020-21, 2021-22 के लिए आवंटित निधियों को वित्त मंत्रालय के निपटान पर रखा है ताकि कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने के अपने प्रयासो को मजबूत करने के साथ-साथ समाज पर इसके प्रतिकूल प्रभावों के उपाय किये जा सकें।
इस संबंध में सांसदों की चिताओं को दूर करने के लिए उठाये गये कदमों के सवाल पर सिंह ने कहा, ‘‘जिले के अधिकारियों को यह सुझाव दिया गया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कार्यों को उपलब्ध निधियों से पूरा किया जाए। चूंकि 2020-21 और 2021-22 के दौरान कोई और निधि जारी नहीं की जाएगी।’’