MP: ढलती उम्र ने मिटा दी बुजुर्गों के अंगूठे की लकीरें, तो फिंगर प्रिंट की वजह से रोका गया राशन
By शिवअनुराग पटैरया | Published: August 11, 2020 09:39 PM2020-08-11T21:39:56+5:302020-08-11T21:39:56+5:30
पीडीएस की दुकानों पर थम्ब इम्प्रेशन मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही राशन मिलता है, जबकि बढ़ती उम्र के चलते इनके हाथों की लकीरें धुंधला गई हैं. ऐसे में राशन मिलना इनके लिए मुश्किल हो रहा है।
भोपाल: पीडीएस की दुकानों के द्वारा बुजुर्गो के फिंगर प्रिंट न मिलने, राशन न दिए जाने पर मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर और कलेक्टर भोपाल से जवाब मांगा है. आयोग के अनुसार सरकार के निर्देश है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के लोग घरों से बाहर न निकलें, क्योंकि बाहर कोरोना का खतरा है.
इस निर्देश ने भोपाल शहर के उन बुजुर्गों की समस्या और बढ़ा दी है, जिनके राशन का प्रबंध पीडीएस दुकानों पर ही निर्भर है. जब घर में अन्न का दाना न हो, तो राशन लेने जाना इन बुजुर्गों की मजबूरी ही है, लेकिन समस्या यहीं खत्म नहीं हो जाती, क्योंकि पीडीएस की दुकानों पर थम्ब इम्प्रेशन मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद ही राशन मिलता है, जबकि बढ़ती उम्र के चलते इनके हाथों की लकीरें धुंधला गई हैं.
ऐसे में इनका थम्ब इम्प्रेशन मिस-मैच हो रहा है. इसलिये दुकानदार इन्हें खाली हाथ लौटा देते हैं. भोपाल शहर के ऐशबाग निवासी 98 साल की रामप्यारी बाई, बरखेडी निवासी 90 साल की मुबीना खातून, आरिफ नगर निवासी 88 साल की नफीस फातिमा, करोंद निवासी 77 साल की बेनीबाई, बरखेडी निवासी 75 साल की प्रेमबाई साहू, शिवनगर बस्ती निवासी 67 साल की सुरजीत कौर, इन सभी की यही परेशानी है.
इन्हें अपने पडोसियों से राशन मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है. इस मामले में आयोग ने कमिश्नर भोपाल तथा कलेक्टर भोपाल से प्रतिवेदन मांगा है।