मप्र में मंत्रिमंडल विस्तारः 30-40 गाड़ियों का काफिला, सीएम आवास पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री बनने के इंतजार में सिलावट और राजपूत
By शिवअनुराग पटैरया | Published: December 12, 2020 12:26 PM2020-12-12T12:26:38+5:302020-12-12T12:28:04+5:30
मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों के पिछले माह संपन्न उप चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा ने 19 सीटें जीती थी, इन सीटों के विजयी उम्मीदवारों में वे 15 नेता शामिल हैं, जो सिंधिया की सरपरस्ती में मार्च के दौरान कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.
भोपालः अपने समर्थकों को मंत्री बनाने से लेकर निगम मंडलों में लेने को लेकर राज्यसभा सदस्य और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लंबी बातचीत हुई.
इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व्ही.डी.शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत भी मौजूद थे.ज्योतिरादित्य सिंधिया आज सुबह ग्यारह बजे दिल्ली से भोपाल पहुंचे थे. वह विमान तल से सीधे मुख्यमंत्री निवास पहुंचे. उनके साथ-साथ 30-40 गाड़ियों का काफिला भी था.
इनमें पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट के साथ साथ चुनाव हार चुकी इमरती देवी, एंजल सिंह कंसाना के साथ शिवराज सरकार में मंत्री प्रभुराम चौधरी, हरदीप सिंह डंग, प्रद्युम्न सिंह आदि भी मौजूद थे. सिंधिया की मुख्यमंत्री प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और संगठन मंत्री के साथ कोई चार-साढ़े चार घंटे लंबी बैठक चली.
बताया जा रहा है कि बैठक में सिंधिया ने तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को शीघ्र ही मंत्री बनाए जाने के साथ-साथ प्रदेश भाजपा संगठन एवं निगम मंडलों में अपने समर्थकों की नियुक्तियों पर चर्चा की. इनमें चुनाव हार चुके तीन मंत्रियों इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया एवं एंदल सिंह कंसाना को निगम मंडलों में नियुक्ति की बात सिंधिया ने तुरंत करने के लिए कहा.
कमलनाथ सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री थे
गौरतलब है कि तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री थे. दोनों ही कुल 22 लोागें के साथ सिंधिया के साथ पार्टी विधायकी और मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर भाजपा में आए थे. गोविन्द सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट को शिवराज मंत्रिमंडल के प्रथम विस्तार में शामिल भी किया गया था. लेकिन बिना विधायक बने मंत्री रहने की छह माह की अवधि पूरा होने पर दोनों ने 21 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था.
बाद में दोनों ही 10 नवंबर को चुनाव जीत गए, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी वह दोबारा मंत्री नहीं बन पाए. इसको लेकर दोनों का सिंधिया पर दबाव है कि जल्दी मंत्री बनावायें. वहीं सिंधिया के साथ आकर चुनाव हारने वाले पूर्व मंत्रियों इमरती देवी, एंदल सिंह कंसाना और गिर्राज दंडौतिया का निगम मंडलों में अध्यक्ष बनाये जाने का भी सिंधिया पर दबाव है.
वहीं उनके तमाम दूसरे समर्थक भी निगम मंडलों एवं संगठन में सम्मान जनम स्थान चाहते हैं. इसको लेकर सिंधिया पिछले एक माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंधि चौहान के साथ-साथ भाजपा नेताओं से कई मुलाकात कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि इसी क्रम में वह आज निर्णायक बातचीत के लिए भोपाल आए थे. बातचीत के बाद सिंधिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ राजकीय विमान से इंदौर चले गए, जहां से वह दिल्ली जाएंगे.