अस्पताल में भर्ती दुधमुंहे की देखभाल के लिए मप्र उच्च न्यायालय ने मां को दी जमानत
By भाषा | Published: April 12, 2021 05:43 PM2021-04-12T17:43:10+5:302021-04-12T17:43:10+5:30
इंदौर, 12 अप्रैल मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अवैध शराब के मामले में गिरफ्तार 23 वर्षीय महिला को उसके आठ माह के बुरी तरह बीमार बच्चे की देखभाल के लिए सोमवार को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। खास बात यह है कि महिला की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए अवकाश के दिन विशेष तौर पर अदालत बैठी।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल ने खुशी यादव (23) को 30,000 रुपये की जमानत और इतनी ही राशि के मुचलके पर एक स्थानीय जेल से तुरंत रिहा किए जाने के निर्देश दिए।
एकल पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अदालत मामले के गुण-दोष पर कोई निर्णायक राय प्रकट नहीं कर रही है। लेकिन महिला का बीमार बच्चा पहले ही अस्पताल में भर्ती है। इसलिए वह आरोपी को जमानत पर जेल से छोड़ा जाना उचित मानती है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लसूड़िया क्षेत्र में खुशी यादव समेत तीन महिलाओं के कथित कब्जे से 29 मार्च को 197 लीटर अवैध शराब बरामद की गई थी।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया था।
यादव के वकील राम बजाड़ गुर्जर ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी मुवक्किल के जेल जाने के बाद उसका आठ माह का दुधमुंहा बालक मां से अलग होने के कारण बीमार हो गया और हालत बिगड़ने पर फिलहाल यह बच्चा एक स्थानीय अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती है।
गुर्जर ने कहा, "बच्चे का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने परामर्श दिया कि उसे अपनी मां के साथ रहना चाहिए ताकि उसकी हालत में सुधार हो सके। लेकिन कोविड-19 की बंदिशों के चलते बच्चे को मां के साथ जेल में रखा जाना मुमकिन नहीं है।
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