एमपी चुनाव 2018: BJP के इस दिग्गज नेता ने पुत्र मोह में कुर्बान कर दी अपनी टिकट, नहीं लड़ेंगे चुनाव
By मुकेश मिश्रा | Published: November 8, 2018 02:59 PM2018-11-08T14:59:30+5:302018-11-08T14:59:30+5:30
मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ में 66 विधानसभा सीटें हैं। अभी 54 पर भाजपा काबिज है। सत्ता का रास्ता इसी अंचल से होकर गुजरेगा। आदिवासी पट्टी में भाजपा को हार का डर है।
इन्दौरः 08 नवम्बर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक कैलाश विजयवर्गीय इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसा नहीं है कि उन्हें पार्टी ने टिकट के लायक नहीं समझा बल्कि उन्होनें पुत्र आकाश विजयवर्गीय के राजनीतिक कैरियर के लिए अपनी सीट कुर्बान कर दी। वही दूसरी ओर अब वे पार्टी की जीत के लिए मालवा-निमाड़ में अपना प्रबन्ध कौशल दिखाएंगे।
तीसरी सूची में सबसे ज्यादा चौकाने वाला नाम आकाश विजयवर्गीय का रहा। उन्हें पार्टी ने इन्दौर की तीन नम्बर सीट से उम्मीदवार बनाया है। आकाश विजयवर्गीय की दावेदारी को लेकर ही इन्दौर की सीटों का फैसला रुका हुआ था। पार्टी कैलाश विजयवर्गीय को महू (अम्बेडकर नगर) से चुनाव लड़ाना चाहती थी। किंतु विजयवर्गीय अपने पुत्र को टिकट दिलाने में अड़े हुए थें। अंततः शाह के फार्मूले के तहत विजयवर्गीय ने अपनी सीट त्याग कर बेटे के लिए तीन नम्बर सीट पक्की करीं।
भाजपा के राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि इस बार कैलाश विजयवर्गीय की महू से चुनाव लड़ने में कम दिलचस्पी थी। वे खुद चाहते थे कि पार्टी उन्हें फ्री हेंड करें ताकि वे मालवा-निमाड में पार्टी की जीत के लिए काम कर सकें। जैसा उन्होंने 2003 के चुनाव में किया।
कुछ दिग्गज भाजपा नेताओं का कहना है कि कैलाश विजयवर्गीय को फ्री करके शिवराज सिंह के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। यदि पार्टी 120 के अन्दर सिमटती है तो मुख्यमंत्री का चेहरा भी बदल जायेगा। फिर शिवराज की जगह कैलाश चेहरा हो सकते है।
वैसे भी मालवा-निमाड़ में 66 विधानसभा सीटे है। अभी 54 पर भाजपा काबिज है। सत्ता का रास्ता इसी अंचल से होकर गुजरेगा। आदिवासी पट्टी में भाजपा को हार का डर है। ऐसे में कैलाश विजयवर्गीय इस पट्टी की करीब 23 सीटों में अपनी कौशल क्षमता का उपयोग करके सीटे बचा सकते है।