एमपी कांग्रेस में उठी मांग, जब राजा कठिन सीट पर लड़ेंगे चुनाव तो महाराजा क्यों नहीं?
By राजेंद्र पाराशर | Published: March 24, 2019 08:12 PM2019-03-24T20:12:33+5:302019-03-24T21:33:40+5:30
आज कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि देखते जाइए की आगे क्या होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आपने पारंपारिक संसदीय क्षेत्र गुना से वर्तमान सांसद है और दिग्विजय सिंह राजगढ़ सांसद नहीं थे.
राघौगढ़ के राजा यानि दिग्विजय सिंह को उनके पारंपारिक संसदीय क्षेत्र राजगढ़ के स्थान पर भाजपा के गढ़ माने जाने वाले भोपाल से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब कांग्रेस के भीतर यह दबाव बन रहा है कि महाराजा यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी किसी कठिन क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जाए. उन्हें गुना के स्थान पर विदिशा से चुनाव लड़ाए जाने के लिए कांग्रेस का एक गुट खींचतान में जुटा है.
कमलनाथ का संकेत
राजगढ़ के स्थान पर किसी अन्य संसदीय क्षेत्र से दिग्विजय सिंह की उम्मीदवारी को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ रोज पहले ही यह कहकर संकेत दे दिए थे कि कांग्रेस के दिग्गजों को भाजपा के गढ़ माने जाने वाले संसदीय क्षेत्रों से चुनाव लड़कर जीत हासिल करना चाहिए. उन्होंने यह बात कहते हुए दिग्विजय सिंह का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्हें राजगढ के स्थान पर भोपाल,विदिशा और जबलपुर जैसी कठिन सीटों से चुनाव लड़ना चाहिए.
दिग्विजय सिंह भोपाल से लड़ेंगे चुनाव
कल ही कमलनाथ ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए घोषणा कर दी थी कि दिग्विजय सिंह ने भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लडने के लिए हामी भर दी है. इसी के साथ ही कल देर रात आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश के जिन सीटों संसदीय क्षेत्रों के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा की जिसमें दिग्विजय सिंह का नाम भी भोपाल संसदीय क्षेत्र से उम्मीदाबार के तौर पर था.
दिग्विजय सिंह की उम्मीदवारी के साथ ही कांग्रेस के भीतर अब यह दबाव बनने लगा है कि भोपाल के अतिरिक्त विदिशा, जबलपुर और इंदौर जैसी भाजपा की गढ़ बन गई सीटों से पार्टी के बड़े नेताओं को मैदान में उतारा जाए. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर है जिनकों लेकर कांग्रेस के भीतर कहा जा रहा है कि जब दिग्विजय सिंह को राजगढ के स्थान पर भोपाल से प्रत्याशी बनाया जा सकता है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी विदिशा जैसी किसी सीट पर भेजा जाना चाहिए.
कमलनाथ का एलान
आज कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि देखते जाइए की आगे क्या होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आपने पारंपारिक संसदीय क्षेत्र गुना से वर्तमान सांसद है और दिग्विजय सिंह राजगढ़ सांसद नहीं थे. वे भले ही दोनों के मामलों को अलग कर बता रहे हो पर कांग्रेस के भीतर और बाहर भी यह सवाल खड़ा हो गया है कि जब राजा को कठिन सीट पर भेजा जा सकता है तो महाराजा को क्यों नहीं?