कमलनाथ ने बदला किसान योजना का नाम, नए नाम के साथ 55 लाख किसानों के कर्जमाफी का ऐलान
By राजेंद्र पाराशर | Published: January 15, 2019 08:01 PM2019-01-15T20:01:52+5:302019-01-15T20:01:52+5:30
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश में किसान कर्ज में जन्म लेता है और उसकी उसी में मौत हो जाती है। किसान का बेटा अगर बढ़ लिख कर इंजीनियर बन भी जाता है तो वह बेरोजगार होकर न वह गांव का और न ही शहर का होकर रह जाता है।
मुख्यमंत्री ने बदलकर किया जय किसान ऋण माफी योजना
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने, मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना का नाम बदलते हुए उसे जय किसान ऋण माफी योजना का नाम देते हुए कहा कि इस योजना के तहत प्रदेश के 55 लाख किसानों के 50 हजार करोड़ रुपए के कर्ज माफ होंगे।राजधानी भोपाल में ऋण माफी योजना की प्रक्रिया प्रारंभ करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 14 किसानों के ऋण माफी आवेदन पत्र प्राप्त किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज यह ऐतिहासिक दिन है। ऋण माफी योजना प्रदेश की अर्थव्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगी। प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। प्रदेश के लगभग 70 फीसदी लोगों का जीवन कृषि से जुड़ा हुआ है। गांव की किराने की दुकान से लेकर कृषि मजदूर, भोपाल और इंदौर के बाजारों की रौनक भी खेती और किसानों से जुड़ी हुई है। अगर किसान तरक्की करेगा तो सबको उसका लाभ मिलेगा। आपने कहा कि उन्होंने यह योजना किसानों के नाम समर्पित की है। इसलिए इस योजना से मुख्यमंत्री का नाम हटाकर जय किसान ऋण माफी योजना नाम दिया गया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि मध्यप्रदेश में किसान कर्ज में जन्म लेता है और उसकी उसी में मौत हो जाती है। किसान का बेटा अगर बढ़ लिख कर इंजीनियर बन भी जाता है तो वह बेरोजगार होकर न वह गांव का और न ही शहर का होकर रह जाता है। हम प्रयास कर रहे हैं कि प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ें। मेरे मंत्रिमंडल ने 25 दिसंबर को शपथ ली थी अभी मैं सिर्फ 18 दिन ही आफिस में रहा हूं। प्रदेश के विकास को गति देने के लिए मैंने उद्योगपतियों से बातचीत की है। उद्योगपतियों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वे मध्यप्रदेश में निवेश करेंगे। जब लोगों को भरोसा होता है तभी वह निवेश करते हैं।
कमलनाथ ने कहा कि आज प्रारंभ की गई ऋण माफी योजना प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी
आपने कहा कि मध्यप्रदेश देश के केंद्र में स्थित राज्य है। गुजरात और उड़ीसा जैसे समुद्र तट हमारे पास नहीं हैं। इस कारण उद्योगों की स्थापना और आर्थिक विकास की कुछ अपनी समस्याएं हैं। हमारी जो स्थिति है हम उसी के अनुसार आर्थिक विकास को आगे बढ़ाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज प्रारंभ की गई ऋण माफी योजना प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा और उसके बाद मेरा निर्णय मेरे जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है। प्रदेश में 55 लाख किसानों का 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया जाएगा। इस योजना को क्रियान्वयन के स्तर तक लाने में अफसरों ने बहुत काम किया। इसके लिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।
आपने कहा कि ऋण माफी योजना के तहत तीन रंगों के फार्म हैं। इसको लेकर भाजपा आलोचना कर रही है कि ऋण माफी के लिए तरह तरह के फार्म तो हैं पर बजट प्रावधान नहीं। जो लोग इस तरह के बयान दे रहे हैं वे खुद नहीं समझते कि बजट क्या चीज है। मैंने सरकार में आने के 5-6 माह पहले ही ऋण माफी योजना का खाका तैयार कर लिया था। हम ऋण माफी को क्रियान्वित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं। इसके पूर्व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10 दिन में ऋण माफी करने का वादा किया था, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुर्सी संभालते ही डेढ़ घंटे के भीतर कर्ज माफी का ऐलान कर दिया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम ऋण माफी के जरिए मध्यप्रदेश के विकास में निवेश कर रहे हैं।
भाजपा अपने घर को सुरक्षित रखे, हमारी चिंता न करे
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जय किसान ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन को प्रारंभ करते हुए आज भाजपा पर तीखे और तेजाबी हमले किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेता जिस तरह उनकी सरकार की स्थिरता को लेकर बयान दे रहे हैं वह ठीक नहीं है। मेरी सरकार पूरे पांच साल तक काम करेगी और मैं पांच साल बाद जनता को इसका हिसाब दूंगा, लेकिन भाजपा को समझ लेना चाहिए कि वह जिस तरह के बयान दे रहे हैं उसमें वह अपने घर को सुरक्षित करें, हमारी चिन्ता न करें। आपने कहा कि भाजपा के नेता तमाम तरह की बातें कर रहे हैं, लेकिन जो लोग मैदान में नहीं दिखे, वह मैदान में क्या टिकेंगे। मुख्यमंत्री का इशारा विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान भाजपा के अनुपस्थित रहने को लेकर था। इसी संदर्भ में उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा बातें तो बहुत करती है, पर वह मैदान में टिकती नहीं है।