MP Bypoll Election Result: मध्यप्रदेश में रहेगा शिवराज राज या बनेगी कमलनाथ सरकार?, फैसला आज
By अनुराग आनंद | Published: November 10, 2020 09:03 AM2020-11-10T09:03:23+5:302020-11-10T09:05:22+5:30
मध्य प्रदेश में वोटों की गिनती शुरू हो गई है। पहले बैलेट पेपर वाले वोट गिने जा रहे हैं।
नई दिल्ली:मध्य प्रदेशउपचुनाव के नतीजे आज (10 नवंबर) शाम तक आएंगे। वोटों की गिनती शुरू हो गई है। ऐसे में अब देखना यह है कि आज शाम तक मध्य प्रदेश में सीएम की कुर्सी बचाने में शिवराज सिंह चौहान सफल रहते हैं या फिर कांग्रेस के कमलनाथ शिवराज की सरकार को गिराने में सफल हो जाएंगे।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, वोटों की गिनती शुरू हो गई है। पहले बैलेट पेपर वाले वोट गिने जा रहे हैं। ऐसे में साफ है कि करीब 10 बजे से रूझान आना शुरू हो जाएगा।
बता दें कि मतगणना व चुनाव परिणाम से पहले आए एग्जिट पोल की मानें तो ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया के गढ़ में सेंध लगाने में कांग्रेस व कमलनाथ को सफलता मिल सकती है। लेकिन, एग्जिट पोल में बताया गया है कि शिवराज सरकार गिराने में कमलनाथ के कामयाब होने की कम संभावना है। ऐसे में देखना है कि एग्जिट पोल कितना सही साबित होगा।
चुनाव परिणाम से पहले जान लीजिए एग्जिट पोल ने क्या बताया था-
दरअसल, आजतक एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल सर्वे के मुताबिक, MP उपचुनाव में 28 में से बीजेपी को 16 से 18 सीट मिलने का अनुमान है।
इसके साथ ही एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में बताया गया है कि उपचुनाव में कांग्रेस को 10 से 12 सीट मिलने की संभावना है। कांग्रेस को यहां 43% वोट मिलने की संभावना है। जबकि भाजपा को उपचुनाव में 46% वोट मिलने की संभावना है।
बता दें कि मध्य प्रदेश उपचुनाव में उम्मीदवारों के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। मार्च से प्रदेश की राजनीति के केंद्र में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया की भविष्य की राजनीति का बहुत कुछ 10 नवंबर को आने वाले नतीजे तय करेंगे। ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर ‘महाराज’ के साथ-सिंधिया घराने की पूरी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। ऐसे में साफ है कि जिस दर्जन भर सीटों पर कांग्रेस चुनाव जीत रही है, वहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के नेताओं की हार होने वाली है।
मध्यप्रदेश के इन 28 सीटों पर सिर्फ सिंधिया व शिवराज नहीं बल्कि प्रदेश सरकार के एक दर्जन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इनमें ज्यादातर मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे।