4 निर्दलीय व छोटी पार्टी के विधायकों को भाजपा ने पार्टी में शामिल होने का दिया ऑफर, कांग्रेस का दावा बीजेपी के 3 MLA पार्टी में होंगे शामिल
By राजेंद्र पाराशर | Published: September 6, 2019 06:06 AM2019-09-06T06:06:38+5:302019-09-06T06:06:38+5:30
निर्दलीय विधायकों ने ये कहकर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार कि चिंता बढ़ी दी है कि हमारे साथ के छह विधायक सरकार को दिए जा रहे समर्थन को लेकर चिंतन और मंथन करेंगे.
मध्य प्रदेशकांग्रेस में चल रही हलचल के चलते निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. इन विधायकों ने कहा कि हमने सरकार को पांच साल तक चलाने के लिए समर्थन दिया था, अब वर्तमान हालात को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि सरकार पांच साल चले. विधायकों की इस चिंता को देख नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उन्हें भाजपा की सदस्यता लेने का आग्रह किया है.
वहीं कांग्रेस की ओर से जनसंपर्क मंत्री पी.सी.शर्मा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि अगले सत्र में भाजपा के तीन विधायक कांग्रेस में आएंगे.कांग्रेस में मचे घमासान को देखते हुए निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपना भविष्य अंधकार में दिख रहा है. हमने कांग्रेस पार्टी को अपना समर्थन दिया है, लेकिन यह नेता आपस में ही लड़ते मरते दिखाई दे रहे हैं.
निर्दलीय विधायक ने ये कहकर सरकार कि चिंता बढ़ी दी है कि हमारे साथ के छह विधायक सरकार को दिए जा रहे समर्थन को लेकर चिंतन और मंथन करेंगे. शेरा ने कहा हमें सरकार की स्थिति को देखते हुए डर लग रहा है, और घबराहट हो रही है. सुरेंद्र सिंह शेरा ने अपने भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की है. बाद में सुरेन्द्र सिंह ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से भी मुलाकात की.
इस मुलाकात के बाद भार्गव ने सभी छह विधायकों को भाजपा की सदस्यता लेने का आग्रह किया है. बाद में भार्गव ने मीडिया में बयान दिया कि भाजपा ने प्रदेश में 15 सालों तक अच्छी सरकार चलाई है. आगे भी अच्छी सरकार देंगे, यदि समर्थन देने वाले भाजपा को सही समझते हों तो हमारे साथ आएं. हम काम करने वाले और नतीजे देने वाले लोग हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस में मचे घमासान को उनका आंतरिक मामला करार दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक म्यूजियम बन गई है. कांग्रेस में अजीब-अजीब किस्म के लोग हैं. यह वातावरण प्रशासनिक मशीनरी को प्रभावित कर रहा है. अधिकारी यह सोचकर बैठे हुए हैं कि हमें क्या करना है. यह संवैधानिक लड़ाई नही है. यह निजी स्वार्थ, भ्रष्टाचार, पैसे के बंटवारे की लड़ाई है. वहीं कांग्रेस ने भी नेता प्रतिपक्ष पर हमला बोला है. राज्य के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि पिछले सत्र में भाजपा के दो विधायक कांग्रेस खेमे में आए थे और अगले सत्र में भाजपा के तीन विधायक साथ आ जाएंगे.