राम मंदिर की तैयारियां जोरों पर लेकिन ठंडी पड़ीं हैं अयोध्या में मस्जिद निर्माण की गतिविधियां, जानें क्या कहते हैं मुस्लिम पक्षकार

By भाषा | Published: July 28, 2020 12:59 PM2020-07-28T12:59:13+5:302020-07-28T12:59:13+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर 2019 को अपने ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और मुसलमानों को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने के आदेश दिए थे।

Mosque making activities are still pending in Ayodhya ram mandir bhumi pujan 5 august | राम मंदिर की तैयारियां जोरों पर लेकिन ठंडी पड़ीं हैं अयोध्या में मस्जिद निर्माण की गतिविधियां, जानें क्या कहते हैं मुस्लिम पक्षकार

(Babri Masjid) प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsबोर्ड को मिली जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल तथा लाइब्रेरी के निर्माण के सिलसिले में गठित होने वाला ट्रस्ट अभी बन नहीं पाया है। बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि ट्रस्ट में ऐसे लोगों को रखा जाएगा जो प्रगतिशील सोच के हों और मस्जिद तथा अन्य निर्माण कार्यों के लिए संसाधन जुटा सकें।

लखनऊ: अयोध्या में आगामी पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन की जोर-शोर से तैयारियों के बीच 'राम नगरी' में मस्जिद के निर्माण से जुड़ी गतिविधियां फिलहाल ठंडी पड़ी हैं। विवादित स्थल पर मालिकाना हक से जुड़े मुकदमे में प्रमुख मुस्लिम पक्षकार रहे उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सरकार द्वारा पांच एकड़ जमीन जरूर आवंटित कर दी गई है, लेकिन अभी औपचारिकताएं पूरी होने में कुछ कसर बाकी रह गई है। इसके अलावा आवंटित जमीन पर मस्जिद, रिसर्च सेंटर तथा अन्य के निर्माण से संबंधित फैसले लेने के लिए गठित होने वाला ट्रस्ट भी अभी नहीं बन पाया है।

जुफर अहमद फारुकी ने कहा- लॉकडाउन की वजह से नहीं पूरी हो पाई है औपचारिकताएं

बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारुकी ने मंगलवार को 'भाषा' को बताया कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर अयोध्या जिले में सोहावल तहसील के धुन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन आवंटित तो कर दी है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से औपचारिकताएं पूरी होने में कुछ कसर बाकी रह गई है। फारुकी ने बताया कि बोर्ड को मिली जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल तथा लाइब्रेरी के निर्माण के सिलसिले में गठित होने वाला ट्रस्ट अभी बन नहीं पाया है। इसमें 15 सदस्य होंगे, जिनमें से बमुश्किल 8 सदस्यों के नाम ही तय हो पाए हैं। हालांकि उन्होंने इन सदस्यों के नाम अभी बताने से इंकार कर दिया।

मस्जिद निर्माण का काम जन सहयोग से किया जाएगा

बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि ट्रस्ट में ऐसे लोगों को रखा जाएगा जो प्रगतिशील सोच के हों और मस्जिद तथा अन्य निर्माण कार्यों के लिए संसाधन जुटा सकें। उम्मीद है कि ट्रस्ट का गठन अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद हो सकेगा। उन्होंने बताया कि मस्जिद तथा अन्य निर्माण कार्यों के लिए धन का इंतजाम जन सहयोग से किया जाएगा या फिर व्यक्तिगत स्तर पर, इस बारे में फैसला ट्रस्ट ही लेगा।

क्या ट्रस्ट में शामिल होने के प्रति मुस्लिम समाज में कम दिलचस्पी है, जानिए बोर्ड के अध्यक्ष ने क्या दिया इसका जवाब

इस सवाल पर कि क्या ट्रस्ट में शामिल होने के प्रति मुस्लिम समाज में कम दिलचस्पी है, उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के सिलसिले में अभी ज्यादा लोगों से संपर्क नहीं किया गया है। बहरहाल, एक बात तो तय है कि मंदिर-मस्जिद मुद्दे में दोनों तरफ से सियासत हो रही थी। उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद वह ठंडी पड़ गई है।

इस सवाल पर कि मस्जिद, इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी के निर्माण के लिए संसाधन जुटाने के मामले पर क्या उन्हें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड या अन्य किसी प्रमुख मुस्लिम संगठन का सहयोग मिलने की उम्मीद है, फारूकी ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जिसमें जमीयत उलेमा ए हिंद तथा अन्य प्रमुख मुस्लिम संगठन भी शामिल हैं, ने पहले ही एलान कर दिया था कि वह बाबरी मस्जिद के एवज में किसी और जगह पर जमीन नहीं लेगा, लिहाजा उन्हें उम्मीद नहीं है कि उस पांच एकड़ जमीन पर होने वाले निर्माण में इन संगठनों से कोई मदद मिल पाएगी।

पढ़ें सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के विवादित स्थल पर क्या दिया था फैसला

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 9 नवंबर को अपने ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और मुसलमानों को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने के आदेश दिए थे। इसके अनुपालन में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पिछली फरवरी में अयोध्या की सोहावल तहसील स्थित धुन्नीपुर गांव में जमीन आवंटित की गई थी। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तथा अन्य अनेक संगठनों के विरोध के बीच वह जमीन स्वीकार करने वाले वक्फ बोर्ड ने उस पर एक मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, अस्पताल तथा लाइब्रेरी बनवाने की घोषणा की थी। इसके लिए एक ट्रस्ट गठित किया जाना है। 

Web Title: Mosque making activities are still pending in Ayodhya ram mandir bhumi pujan 5 august

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे