भारत में गंभीर वायु प्रदूषण की वजह से पिछले साल एक लाख से अधिक शिशुओं की हुई मौत, जानें रिपोर्ट में हैरान करने वाली बातें
By अनुराग आनंद | Published: October 21, 2020 02:35 PM2020-10-21T14:35:48+5:302020-10-21T14:35:48+5:30
स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 के इस रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदूषण के कारण बच्चों को मां के पेट में ही तकलीफ होना शुरू हो जाती है।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली समेत देश के कई शहरों में एक बार फिर से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। वायु प्रदूषण को लेकर एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019 में भारत में करीब 1.16 लाख बच्चों की मौत गंभीर वायु प्रदूषण की वजह से हुई है।
इस रिपोर्ट में सबसे हैरान करने वाली बात तो यह है कि अधिकांश शिशुओं की मौत जन्म लेने के माह भर के अंदर वायु प्रदूषण की वजह से हो जा रही है। इसके अलावा, रिपोर्ट की मानें तो प्रदूषण के कारण बच्चों को मां के पेट में ही तकलीफ होना शुरू हो जाती है। जन्म लेने के बाद गंभीर प्रदूषण का सामना ये बच्चे नहीं कर पाते हैं और इनकी मौत हो जाती है।
स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 रिपोर्ट ने मंगलवार को एक रिपोर्ट जारी कर बताया है कि देश में भारी संख्या में नवजात व शिशुओं की मौत वायु प्रदूषण की वजह से हो रही है। इस रिपोर्ट की मानें तो हर साल 16.70 लाख शिशुओं की मौत होती है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों का है, जोकि बेहद दुखद है।
रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में इंडिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल समेत दक्षिण एशियाई देश पीएम-2.5 के स्तर के मामले में शीर्ष 10 पर रहे हैं। घरेलू प्रदूषण भले ही बीते सालों में कम हुआ है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार बाह्य प्रदूषण के कारक पीएम 2.5 में वृद्धि हुई है।
इसके साथ ही रिपोर्ट में इस बात का बी उल्लेख है दो तरह के प्रदूषण मुख्यतौर पर होते हैं। एक घरेलू प्रदूषण व दूसरा वायु में मौजूद छोटे कण पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ने की वजह से होती है। पिछले कुछ सालों में पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ने से बड़ी संख्या में नवजातों की मौत हो रही है।