आयुष्मान योजना के तहत 31 लाख से ज्यादा लोगों का इलाज, 3.5 करोड़ परिवारों को कार्ड मिलाः जावड़ेकर
By भाषा | Published: October 9, 2019 06:15 PM2019-10-09T18:15:35+5:302019-10-09T18:15:35+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की प्रगति तथा मिशन के अधिकृत कार्यक्रम समिति (ईपीसी) एवं मिशन संचालन समूह (एमएसजी) के निर्णयों से अवगत कराया गया है।
भारत द्वारा आरोग्य सुविधाओं के क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रगति करने का दावा करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने बुधवार को कहा कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के तहत 2030 तक कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य था।
हम इससे पहले ही लक्ष्य हासिल करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की प्रगति तथा मिशन के अधिकृत कार्यक्रम समिति (ईपीसी) एवं मिशन संचालन समूह (एमएसजी) के निर्णयों से अवगत कराया गया है।
सरकार ने आरोग्य सुविधाओं में हाल के समय में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, ‘‘ सभी मानकों पर भारत ने एक तरह से आरोग्य सुविधाओं के क्षेत्र में बहुत अच्छी प्रगति की है। एसडीजी के तहत 2030 तक कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य था। हम इससे पहले ही लक्ष्य हासिल करने जा रहे हैं।’’
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि माता मृत्यु दर, शिशु मृत्य दर में तेजी से कमी दर्ज की गई है और वर्तमान दर से यह गिरावट जारी रही तो भारत एसडीजी लक्ष्य को तय समय से काफी पहले हासिल कर लेगा। इसमें कहा गया है कि दुनिया में मलेरिया से निपटने का भारत का प्रयास सफलता की बड़ी कहानी है और इसके कारण होने वाली मौत के मामलों में काफी कमी आई है।
संशोधित राष्ट्रीय टीबी नियंत्रण कार्यक्रम को काफी मजबूत बनाया गया है। शिशुओं के लिये पोषण अभियान को आगे बढ़ाया गया है। जावड़ेकर ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत 31 लाख से ज्यादा लोगों का अस्पताल में इलाज किया गया है और 3.5 करोड़ परिवारों को कार्ड मिला है।
इसमें केवल दो राज्य पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली ने सहभागिता नहीं की। विज्ञप्ति में कहा गया है कि संशोधित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) को काफी मजबूत और सघन किया गया है। सभी जिलों में कुल 1,180 सीबीएनएएटी मशीनें लगाई गई हैं, जो दवा प्रतिरोधी टीबी सहित टीबी के लिए तेजी से और सटीक निदान प्रदान करती हैं।
इसके परिणामस्वरूप पिछले वर्ष की तुलना में सीबीएनएएटी का तीन गुना अधिक इस्तेमाल हुआ है। एक वर्ष में नए मामलों की पहचान में 16% वृद्धि हुई है। इसमें कहा गया है कि 2018-19 के दौरान, आशा, एमपीएचडब्ल्यू, स्टाफ नर्स और पीएचसी-एमओ सहित कुल 1, 81,267 स्वास्थ्य कर्मियों को एनसीडी पर प्रशिक्षित किया गया।
राज्यों ने एचडब्ल्यूसी के संचालन के लिए गतिविधियां शुरू की हैं। नए टीकों के बीच, टेटनस और वयस्क डिप्थीरिया (टीडी) वैक्सीन ने टेटनस टॉक्सॉइड (टीटी) वैक्सीन की जगह ले ली ताकि 2018 में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत वयस्कों में डिप्थीरिया प्रतिरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
2018 में 17 अतिरिक्त राज्यों में मीजल्स-रूबेला (एमआर) टीकाकरण अभियान चलाया गया, जिसमें मार्च 2019 तक 30.50 करोड़ बच्चों को शामिल किया गया। इसमें कहा गया है कि आशा कार्यकर्ताओं की दिनचर्या और आवर्ती प्रोत्साहन 1000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 2000 रुपये प्रतिमाह किया गया है।
आशा और आशा सुविधा प्रदाताओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (भारत सरकार द्वारा 330 रुपये का प्रीमियम) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा (भारत सरकार द्वारा समर्थित 12 रुपये का प्रीमियम) सुविधा प्रदान की गई।