Morbi bridge collapse: हादसे के दिन 3,165 टिकट बेचे गए, पुल के दोनों ओर टिकट बुकिंग कार्यालयों के बीच कोई समन्वय नहीं था, रिपोर्ट में खुलासा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 22, 2022 08:05 PM2022-11-22T20:05:24+5:302022-11-22T20:33:21+5:30
पिछले महीने पुल टूटने की घटना में 135 लोगों की मौत हो गई थी। एफएसएल रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि धातु के नए फर्श ने पुल का वजन बढ़ा दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मरम्मत करने वाले दोनों ठेकेदार भी इस तरह की मरम्मत और नवीनीकरण कार्य करने के लिए योग्य नहीं थे।
अहमदाबादः गुजरात के मोरबी हादसे को लेकर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की शुरुआती जांच में कई खामियां उजागर हुई हैं। एफएसएल ने जांच में पाया है कि मच्छु नदी पर बने झूलते पुल की मरम्मत के समय जंग लगी केबल, टूटे लंगर पिन और ढीले बोल्ट सहित अन्य खामियों को दूर नहीं किया गया। पिछले महीने पुल टूटने की घटना में 135 लोगों की मौत हो गई थी। एफएसएल रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि धातु के नए फर्श ने पुल का वजन बढ़ा दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मरम्मत करने वाले दोनों ठेकेदार भी इस तरह की मरम्मत और नवीनीकरण कार्य करने के लिए योग्य नहीं थे।
अभियोजन पक्ष ने सोमवार को मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी सी जोशी की अदालत में साक्ष्य के तौर पर प्राथमिक एफएसएल रिपोर्ट प्रस्तुत की। अदालत आरोपियों की जमानत पर सुनवाई कर रही थी। मामले में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें चार ओरेवा समूह के हैं। आरेवा समूह ब्रिटिशकालीन झूलता पुल का प्रबंधन कर रहा था।
जंग लगे केबल पर पुल का पूरा भार था
जिला सरकारी वकील विजय जानी ने कहा, रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जिस केबल पर पूरा पुल लटका हुआ था, उसमें जंग लग गया था। जमीन पर केबल जोड़ने वाले एंकर पिन टूट गए थे जबकि एंकर पर लगे बोल्ट तीन इंच ढीले थे। गिरफ्तार लोगों में ओरेवा समूह के प्रबंधक दीपक पारेख और दिनेश दवे, तथा मरम्मत करने वाले ठेकेदार प्रकाश परमार, देव प्रकाश सॉल्यूशन के मालिक देवांग परमार शामिल हैं, जिन्हें ओरेवा ने पुल की मरम्मत कार्य के लिए रखा था।
पुल को मरम्मत के चार दिन बाद खोल दिया गया था। सुनवाई के दौरान, दीपक पारेख ने ओरेवा समूह से देव प्रकाश सॉल्यूशन को जारी एक खरीद आदेश संलग्न किया, जिसमें कहा गया कि पुल के फर्श को तोड़ने के बाद नवीनीकरण किया जाएगा।
धातु के नए फर्श से पुल का वजन बढ़ गया था
सरकारी वकील जानी ने कहा कि देव प्रकाश सॉल्यूशन ने स्वीकार किया है कि उसने केवल फर्श बदला। एफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक, धातु के नए फर्श ने पुल का वजन बढ़ा दिया। इसके अलावा, मरम्मत करने वाले दोनों ठेकेदार इस तरह की मरम्मत और नवीनीकरण कार्य करने के लिए योग्य नहीं थे। प्राथमिकी के अनुसार, एक केबल टूटने के बाद पुल के गिरने के समय कम से कम 250 से 300 लोग वहां मौजूद थे।
30 अक्टूबर को 3,165 टिकट बेचे गए थे
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि ओरेवा समूह ने लोगों के लिए इसे खोलने से पहले पुल की भार वहन क्षमता का आकलन करने के संबंध में किसी विशेषज्ञ एजेंसी को काम पर नहीं रखा था। वकील ने कहा, समूह ने 30 अक्टूबर को 3,165 टिकट बेचे थे और पुल के दोनों ओर टिकट बुकिंग कार्यालयों के बीच कोई समन्वय नहीं था।