ऑल्ट न्यूज की मूल कंपनी 'प्रावदा मीडिया' को पाकिस्तान समेत मध्य पूर्व देशों से मिले 2,31,933 रुपये के फंड, जुबैर ने किया खंडन
By अनिल शर्मा | Published: July 2, 2022 01:03 PM2022-07-02T13:03:27+5:302022-07-02T13:42:11+5:30
ऑल्ट न्यूज के संस्थापक मोहम्मद जुबैर को शनिवार पांच दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया से कहा कि हिरासत में लेकर अब उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है। उन्हे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए।
नई दिल्लीः लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि ऑल्ट न्यूज की मूल कंपनी प्रावदा मीडिया को पाकिस्तान समेत मध्य पूर्व देशों से लाखों के फंड प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर 2018 में एक हिंदू देवता के खिलाफ ‘‘आपत्तिजनक ट्वीट’’ करने के मामले में पुलिस हिरासत में हैं।
फंड पाकिस्तान और सीरिया समेत मध्य पूर्व देशों से आया है। ज़ुबैर प्रावदा मीडिया के निदेशक हैं। सरकारी अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि पैसा सिंगापुर, यूएई और रियाद से भी प्राप्त हुआ था।
दलीलों का विरोध करते हुए, जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने उनकी ओर से अदालत से कहा- “जो पैसा एफसीआरए के उल्लंघन में प्राप्त होने का आरोप लगाया जा रहा है, वह मेरे खाते में नहीं गया है। सारा पैसा प्रावदा मीडिया के खाते में चला गया था। फर्म का निदेशक बनना कोई अपराध नहीं है।"
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद मोहम्मद जुबैर का समर्थन करने वाले ट्विटर हैंडल पाकिस्तान और ज्यादातर मध्य पूर्वी देशों जैसे संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और कुवैत से थे।
During social media analysis, it was noticed that Twitter handles supporting Mohammad Zubair after his arrest, were from Pakistan & mostly middle eastern countries like UAE, Bahrain & Kuwait
— ANI (@ANI) July 2, 2022
A total of about Rs 2,31,933 have been received by Pravda Media, Alt News parent company
ANI ने एक ट्वीट में कहा कि ऑल्ट न्यूज की मूल कंपनी, प्रावदा मीडिया को कुल लगभग 2,31,933 रुपये मिले हैं। लेनेदेने के लिए रेजरपे पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल किया गया। लेनदेन के लिए प्रयोग में लाए गए कई सारे मोबाइल नंबर और आईपी एड्रेस भारत से बाहर के हैं जो बैंकॉक, मनामा, नॉर्थ-हॉलैंड, सिंगापुर, विक्टोरिया, न्यूयॉर्क, इंग्लैंड, रियाद क्षेत्र सहित अन्य स्थानों से थे।
उपर्युक्त के अलावा दावाह, शारजाह, स्टॉकहोम, आइची, संयुक्त अरब अमीरात के मध्य, पश्चिमी और पूर्वी प्रांत, अबू धाबी, वाशिंगटन डीसी, कंसास, न्यू जर्सी, ओंटारियो, कैलिफोर्निया, टेक्सास, लोअर सैक्सोनी, बर्न, दुबई, उसिमा और स्कॉटलैंड जैसे शहरों से भी लेनदेन हुए हैं।
दिल्ली पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की मांग की
दिल्ली पुलिस ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को शनिवार को यहां एक अदालत के समक्ष पेश किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने का अनुरोध किया। वहीं मामले में अतुल श्रीवास्तव को दिल्ली पुलिस का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है। जुबैर को शनिवार पांच दिन की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया से कहा कि हिरासत में लेकर अब उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है। उन्हे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए।
लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि पुलिस ने जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक साजिश) और 201 (सबूत नष्ट करना) तथा विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम की धारा 35 के प्रावधान भी लगाए हैं।
पुलिस की अर्जी के बाद जुबैर ने इस आधार पर अदालत में जमानत याचिका दायर की कि अब उनसे पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। अदालत संभवत: जल्द ही जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी। जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत से कहा कि पुलिस द्वारा जब्त किया गया फोन उस समय का नहीं है, जब उन्होंने ट्वीट किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ट्वीट 2018 का है और यह फोन मैं (जुबैर) इस समय इस्तेमाल कर रहा हूं। मैंने ट्वीट करने से इनकार भी नहीं किया है।’’ जुबैर के खिलाफ शुरुआत में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 (दंगा करने के इरादे से जानबूझकर भड़काना) और 295 (किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाना या अपवित्र करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में उनके खिलाफ 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत भी मामला दर्ज किया गया।