Nobel Prize 2022: दावेदारों की रेस में शामिल हैं फैक्ट-चेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा, जानें अन्य के नाम

By मनाली रस्तोगी | Published: October 5, 2022 07:08 PM2022-10-05T19:08:02+5:302022-10-05T19:14:12+5:30

मोहम्मद जुबैर को इस साल 27 जून को दिल्ली पुलिस ने एक मीम के लिए गिरफ्तार किया था, जिसे उन्होंने 2018 में एक हिंदू देवता के खिलाफ ट्वीट किया था, जिसने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत किया था।

Mohammad Zubair Pratik Sinha are founders among favourites for Nobel Peace Prize 2022 | Nobel Prize 2022: दावेदारों की रेस में शामिल हैं फैक्ट-चेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा, जानें अन्य के नाम

Nobel Prize 2022: दावेदारों की रेस में शामिल हैं फैक्ट-चेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा, जानें अन्य के नाम

Highlightsइस साल नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के दावेदारों में फैक्ट-चेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा शामिल हैं।नोबेल शांति पुरस्कार 2022 के परिणामों की घोषणा स्थानीय समयानुसार शुक्रवार को ओस्लो, नॉर्वे में सुबह 11 बजे की जाएगी।जुबैर को इस साल 27 जून को दिल्ली पुलिस ने एक मीम के लिए गिरफ्तार किया था।

नई दिल्ली: फैक्ट-चेकर्स मोहम्मद जुबैर और प्रतीक सिन्हा नोबेल शांति पुरस्कार 2022 के दावेदारों में शामिल हैं। टाइम मैग्जीन के अनुसार, ऑल्ट न्यूज वेबसाइट के सह-संस्थापक जुबैर और सिन्हा नामांकन के आधार पर पुरस्कार जीतने के दावेदारों में से हैं। अन्य दावेदारों में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की, रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी और स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी हैं।

मालूम हो, नोबेल शांति पुरस्कार 2022 के परिणामों की घोषणा स्थानीय समयानुसार शुक्रवार को ओस्लो, नॉर्वे में सुबह 11 बजे की जाएगी। नोबेल शांति पुरस्कार 2022 की दौड़ में लगभग 343 उम्मीदवार हैं, जिनमें से 251 व्यक्ति हैं और 92 संगठन शामिल हैं। हालांकि, नोबेल कमेटी नॉमिनेटेड लोगों के नामों की घोषणा नहीं करती है। साथ ही यह जानकारी मीडिया और उम्मीदवारों को भी नहीं दी जाती है।

बता दें कि जुबैर को इस साल 27 जून को दिल्ली पुलिस ने एक मीम के लिए गिरफ्तार किया था, जिसे उन्होंने 2018 में एक हिंदू देवता के खिलाफ ट्वीट किया था, जिसने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत किया था। वह करीब एक महीने तक पुलिस और न्यायिक हिरासत में रहे। फैक्ट चेकर के ट्वीट के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ आधा दर्जन प्राथमिकी दर्ज की थी। 

यूपी पुलिस ने आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का भी गठन किया था। दुनिया भर के पत्रकारों द्वारा गिरफ्तारी की निंदा करने के बाद इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया, इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर एक बाधा बताया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को उन्हें जमानत दे दी थी। शीर्ष अदालत ने जुबैर को भविष्य में ट्वीट करने से रोकने से भी इनकार कर दिया, जैसा कि भाजपा के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने मांगा था। 

Web Title: Mohammad Zubair Pratik Sinha are founders among favourites for Nobel Peace Prize 2022

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